सीबीआई ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बड़े रैकेट का किया भंडाफोड़, 7 राज्यों में मारे छापे

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सीबीआई ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बड़े रैकेट का किया भंडाफोड़, 7 राज्यों में मारे छापे
ये तस्कर रूस-यूक्रेन में लोगों को भेजकर वहां सेना में लड़ाई के मोर्चे पर तैनात कराते थे। यहां भारतीय युवकों को उनकी इच्छा के विरुद्ध तैनात किया गया था। इसके साथ ही युद्ध के दौरान कई लोग घायल भी हुए।
केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने मानव तक्सरी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई ने इस रैकेट के सात राज्यों के 10 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान वहां से 50 लाख रुपये नकद, संदिग्ध दस्तावेज, इलेक्ट्रिक रिकॉर्ड, लैपटॉप, मोबाइल फोन और कई डेस्कटॉप बरामद किए हैं। इसके साथ ही सीबीआई ने कई लोगों को हिरासत में भी लिया है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है।
जांच एजेंसी ने बताया है कि अभी तक जांच में सामने आया है कि इन लोगों ने नौकरी का झांसा देकर अभी तक 35 लोगों को रूस और यूक्रेन भेजा है। सीबीआई ने इस रैकेट के काम करने के तरीके के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि ये लोग विदेश में आकर्षक नौकरी दिलाने का वादा कर भोले-भाले युवाओं को निशाना बनाते थे। ये तस्कर एक संगठित नेटवर्क के रूप में काम कर रहे हैं और यूट्यूब आदि जैसे सोशल मीडिया चैनलों और अपने स्थानीय संपर्कों/एजेंटों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को रूस में उच्च वेतन वाली नौकरियों के लिए लुभा रहे थे।
सीबीआई ने बताया कि इस संबंध में, निजी वीज़ा कंसल्टेंसी फर्मों और एजेंटों और अन्य लोगों के खिलाफ 06.03.2024 को मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया। ये बेहतर रोजगार और उच्च भुगतान वाली नौकरियों की आड़ में भारतीय नागरिकों की रूस में तस्करी में लगे हुए पाए गए हैं। इन एजेंटों का मानव तस्करी नेटवर्क देश भर के कई राज्यों में फैला हुआ है।
इस मामले में सीबीआई दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई में लगभग 13 स्थानों पर एक साथ तलाशी ले रहा है। अब तक 50 लाख रुपये से अधिक की नकदी मिल चुकी है। इसके साथ ही एजेंसी को आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जैसे लैपटॉप, मोबाइल, डेस्कटॉप, सीसीटीवी फुटेज आदि जब्त कर लिए गए हैं। इस मामले में अभी भी तलाश जारी है।

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