भारत की सरकार पर क्यों भड़का यह मुस्लिम देश,

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भारत की सरकार पर क्यों भड़का यह मुस्लिम देश, जानिए हथियारों की डील का क्या है मामला?
अजरबैजान के राष्ट्रपति ने भारत की मोदी सरकार पर अपनी भड़ास निकाली है। खिसियाई अजरबैजान के राष्ट्रपति ने भारत और फ्रांस पर आर्मीनिया को हथियार सप्लाई करने का आरोप लगाया है। दरअसल, अजरबैजान और आर्मीनिया दोनों दुश्मन देश हैं अजरबैजान के राष्ट्रपति अलीयेव- I
अजरबैजान के राष्ट्रपति अलीयेव
अजरबैजान एक मुस्लिम देश है और इसकी लड़ाई अपने पड़ोसी देश आर्मीनिया के साथ चल रही है। भारत आर्मीनिया को हथियारों की सप्लाई करता है। वहीं दूसरी ओर मुस्लिम देश तुर्की और पाकिस्तान अजरबैजान को हथियारों की सप्लाई करते हैं। इन सबके बीच अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने आर्मनिया को लेकर भारत और फ्रांस पर हमला बोला है।
अजरबैजान के राष्ट्रपति अलीयेव ने भारत और फ्रांस पर निशाना साधते हुए कहा है कि आर्मीनिया को हथियार सप्लाई करने वाले देश आग में घी डाल रहे हैं। मामला यह है कि नागोर्नो-काराबाख इलाके को लेकर अजरबैजान से जारी विवाद के बीच आर्मीनिया ने भारत और फ्रांस जैसे बड़े देशों के साथ हथियारों की बड़ी डील की है।
खिसियाए अजरबैजान के राष्ट्रपति ने जानिए क्या कहा?
अजरबैजान की राजधानी बाकू में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान आर्मीनिया और अजरबैजान में जारी विवाद को लेकर इल्हाम अलीयेव ने कहा, ‘फ्रांस और भारत जैसे देश आर्मीनिया को हथियारों की सप्लाई कर आग में घी डाल रहे हैं। ये देश आर्मीनिया में भ्रम पैदा कर रहे हैं कि इन हथियारों की बदौलत वो काराबाख को वापस ले सकते हैं।’ हाल के कुछ महीनों में आर्मीनिया ने फ्रांस और भारत के साथ एयर डिफेंस सिस्टम और बख्तरबंद वाहनों सहित कई प्रकार के हथियारों की डील की है। अलीयेव ने चेतावनी देते हुए कहा कि हथियार आपूर्ति से क्षेत्र में एक नया युद्ध शुरू हो सकता है।
भारत कौनसे हथियार करेगा सप्लाई?
रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मीनिया भारत से 155 स्व-चालित हॉवित्जर खरीदेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2023 में आर्मीनिया के एक सीनियर अधिकारी हथियार डील के संबंध में चर्चा करने के लिए भारत आए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने कहा था कि आर्मीनिया की जरूरतों के अनुसार भारत एक विश्वसनीय हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हथियारों की पहली खेप की सफल डिलीवरी के बाद भारत आर्मीनिया को सैन्य उपकरणों की एक नई खेप की आपूर्ति करने पर विचार कर रहा है।
क्या है अजरबैजान-आर्मीनिया में विवाद?
आर्मीनिया और अजरबैजान दोनों ही देश 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद बने हैं। लेकिन दोनों के बीच विवाद 1980 के दशक से ही है। दोनों देशों के बीच यह विवाद नागोर्नो-काराबाख इलाके पर कब्जे को लेकर है। सोवियत संघ के टूटने के बाद से नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान के कब्जे में है। अजरबैजान एक मुस्लिम देश है, जबकि आर्मेनिया ईसाई बहुल राष्ट्र है।

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