अयोध्या से रामेश्वरम तक वन गमन मार्ग पर लगेंगे श्रीराम स्तंभ, 290 स्थानों को किया गया चिह्नित

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अयोध्या से रामेश्वरम तक वन गमन मार्ग पर लगेंगे श्रीराम स्तंभ, 290 स्थानों को किया गया चिह्नित
श्रीराम स्तंभ में श्रीमद् वाल्मीकि रामायण के आधार पर चौपाइयां लिखी होंगी। जिस राज्य में यह स्तंभ स्थापित होगा उस राज्य की स्थानीय भाषा में भी चौपाइयां लिखी जाएगी।
अयोध्या: एक लंबी लड़ाई के बाद अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। इस मंदिर के लिए दशकों तक कोर्ट में लड़ाई लड़ी गई। सुप्रीम कोर्ट से मंदिर बनाने के पक्ष में फैसला आया और साल 2020 से मंदिर बन रहा है। उम्मीद है कि जनवरी 2024 में गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की स्थापना हो जाएगी। इसके साथ ही अब भगवान राम के वन गमन मार्ग पर 290 स्थानों पर श्रीराम स्तंभ स्थापित करने की योजना बनाई गई है।
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30 सितंबर से शुरू होगा कार्य
यह 290 स्थान अयोध्या से रामेश्वरम तक हैं। इस योजना के लिए अशोक सिंघल फाउंडेशन 30 सितंबर से कार्य शुरू करेगा। गुरूवार को अयोध्या के कारसेवकपुरम में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव और अशोक सिंघल फाउंडेशन के सदस्य चंपत राय ने बताया कि राम अवतार शर्मा ने 40 वर्षों तक शोध करके 290 स्थानों को तय किया है। इन सभी स्थानों पर श्रीराम स्तंभ स्थापित किए जाएंगे।
अशोक सिंघल फाउंडेशन उठाएगा पूरा खर्चा
उन्होंने बताया कि जिन 290 स्थानों पर यह स्तंभ लगाए जाएंगे, वहां का खर्चा केंद्र या राज्य सरकार को नहीं देना होगा। इसका पूरा खर्चा अशोक सिंघल फाउंडेशन ही उठाएगा। चंपत राय ने बताया कि 27 सितंबर को पहला स्तंभ अयोध्या पहुंच जाएगा। इसके बाद यहां प्राचीन मणि पर्वत पर संत महात्मा और गणमान्य नागरिकों की मौजूदगी में इसको स्थापित किया जाएगा।

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