एक फैसले से नेपाल में आया प्याज संकट, फिर मोदी सरकार ने इस तरह की सहायता

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एक फैसले से नेपाल में आया प्याज संकट, फिर मोदी सरकार ने इस तरह की सहायता
नेपाल में प्याज संकट गहरा गया। दरअसल, भारत ने त्योहारी सीजन में अपनी घरेलू मांग पूरा करने के लिए प्याज पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी बढ़ा दिया। इससे नेपाल की सांसें फूल गई। क्योंकि नेपाल भारत से 99 फीसदी प्याज मंगवाता है। हालांकि मोदी सरकार ने नेपाल को प्याज के निर्यात शुल्क में थोड़ी राहत दी है। त्योहारी सीजन में नेपाल ने अपने देश में प्याज की घरेलू मांग बढ़ने पर भारत से प्याज मंगाना फिर शुरू कर दिया है। भारत की ओर से पिछले सप्ताह प्याज पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी बढ़ाए जाने के कारण नेपाल में प्याज की आपूर्ति रुक गई थी। पिछले सप्ताह दुनिया के सबसे बड़े प्याज निर्यातक देश भारत ने विदेशी बाजार में इसकी आपूर्ति पर अंकुश के लिए 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया था। भारत द्वारा प्याज का निर्यात शुल्क 40 फीसदी बढ़ाने का कदम त्योहारी मौसम से पहले देश में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका को देखते हुए उठाया गया है।
प्याज निर्यात पर शुल्क बढ़ने से नेपाल में आया संकट
भारत सरकार के इस फैसले ने नेपाल को संकट में डाल दिया था। इस नए शुल्क ने नेपाल को गंभीर रूप से प्रभावित किया क्योंकि इससे नेपाल में प्याज की भारी कमी हो गई। नेपाल अपनी जरूरत का 99 प्रतिशत प्याज भारत से आयात करता है। नेपाल सरकार ने इस संकट के बारे में भारत सरकार से बात की, जिसके बाद नेपाल के लिए निर्यात शुल्क में छूट देने का फैसला लिया गया।
भारत ने दी छूट, तो नेपाल ने ली राहत की सांस
सूत्रों के मुताबिक नेपाल में व्यापारियों ने पिछले 48 घंटों में भारत से 265 टन प्याज मंगवाया। इससे त्योहारी मौसम से पहले इस सब्जी की सुचारू आपूर्ति फिर से शुरू करने में मदद मिली। कालीमाटी फल और सब्जी बाजार विकास बोर्ड के प्रवक्ता बिनय श्रेष्ठ ने कहा कि बुधवार को भारत से 120 टन प्याज आयात किया गया था और गुरुवार को दोपहर तक 145 टन प्याज नेपाल आया।
फिर से शुरू होने लगी पड़ोसी देश को सप्लाई
उन्होंने कहा कि कर समायोजन के बाद प्याज का थोक भाव 75 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया है। भारत द्वारा सब्जी पर निर्यात शुल्क लगाए जाने के बाद नेपाल के व्यापारियों ने सोमवार और मंगलवार को प्याज का आयात रोक दिया था। नेपाल के खुदरा बाजार में जो प्याज 70 रुपये किलो बिक रहा था। वह निर्यात कर लगने के बाद 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। हालांकि अब आपूर्ति सुचारू हो गई है और बाजार में प्याज की कोई कमी नहीं है। इससे पहले जब भारत में टमाटर के भाव आसमान छू रहे थे। तब नेपाली टमाटर भारत के बाजारों में आया था। नेपाली टमाटर के आने से लोगों को आंशिक रूप से राहत मिली थी।

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