‘भारत छोड़ो दिवस मनाने जा रहा था, मुझे हिरासत में ले लिया’, महात्मा गांधी के प्रपौत्र का बड़ा आरोप

51
Share

‘भारत छोड़ो दिवस मनाने जा रहा था, मुझे हिरासत में ले लिया’, महात्मा गांधी के प्रपौत्र का बड़ा आरोप
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने आरोप लगाया कि ‘भारत छोड़ो दिवस’ मनाने जाते वक्त पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।
मुंबई: महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने बुधवार को दावा किया कि पुलिस ने उन्हें ‘भारत छोड़ो दिवस’ मनाने के लिए अगस्त क्रांति मैदान जाते वक्त हिरासत में ले लिया था। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने भी एक ट्वीट के जरिए दावा किया कि उन्हें उनके घर से निकलने से रोका गया और जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी जी जी पारिख को भी अगस्त क्रांति मैदान पहुंचने से रोका गया। तुषार गांधी, सीतलवाड़ और पारिख गिरगांव चौपाटी से अगस्त क्रांति मैदान तक ‘शांति मार्च’ में भाग लेने वाले थे।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि तुषार गांधी उपनगर सांताक्रूज में अपने आवास से जब बाहर निकले, तो उन्हें बताया गया कि वह रैली में भाग लेने नहीं जा सकते क्योंकि इसकी अनुमति नहीं दी गई है। अधिकारी ने बताया कि उन्हें बाद में अगस्त क्रांति मैदान जाने की अनुमति दे दी गई। तुषार गांधी ने ट्वीट किया, ‘9 अगस्त को ‘भारत छोड़ो’ दिवस मनाने के लिए घर से निकलने के बाद मुझे सांताक्रूज थाने में हिरासत में लिया गया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। मुझे अपने परदादा-परदादी- बापू (महात्मा गांधी) और बा (कस्तूरबा गांधी) पर गर्व है जिन्हें इसी ऐतिहासिक तारीख पर अंग्रेजों ने हिरासत में लिया था।’
तुषार गांधी को दी गई अगस्त क्रांति मैदान जाने की इजाजत
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि तुषार गांधी मैदान पहुंच गए। उन्होंने कहा कि तुषार गांधी के एक रैली में भाग लेने की संभावना थी, जो गिरगांव चौपाटी से अगस्त क्रांति मैदान तक निकाली जानी थी। अधिकारी ने बताया कि तुषार गांधी ने जब सुबह करीब 08:45 बजे अपने घर से निकलने की कोशिश की, तो उनके आवास के बाहर इंतजार कर रही सांताक्रूज थाने की एक टीम ने उन्हें बताया कि कानून-व्यवस्था की समस्या के कारण रैली की अनुमति नहीं दी गई है और वह इसमें भाग नहीं ले सकते। उन्होंने कहा कि इसके बाद तुषार गांधी अपने आवास में लौट गए। अधिकारी ने कहा कि बाद में पुलिस ने तुषार गांधी को अगस्त क्रांति मैदान जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने की अनुमति दे दी।
‘नफरत भारत छोड़ो, मोहब्बत से दिलों को जोड़ो’ की जरूरत है
तुषार गांधी ने बाद में ट्वीट किया, ‘हमारे समाज में डर साफ दिखाई देता है। मैं (अगस्त क्रांति मैदान) जाने की अनुमति मिलने के बाद सांता क्रूज थाने से एक रिक्शे में बैठा। जब हम बांद्रा पहुंचे तो मैंने एक बूढ़े मुस्लिम टैक्सी ड्राइवर से मुझे अगस्त क्रांति मैदान ले जाने को कहा, लेकिन उसने पुलिस की कार देखी और घबराकर कहा, ‘साहब मुझे नहीं फंसना’। उसे मनाने के लिए काफी समझाना पड़ा। यह समस्या आज हमारे समाज को प्रभावित कर रही है, इसलिए ‘नफरत भारत छोड़ो, मोहब्बत से दिलों को जोड़ो’ की आवश्यकता है।’ सीतलवाड़ ने एक ट्वीट में दावा किया कि उन्हें उनके आवास से निकलने और पारिख को भी अगस्त क्रांति मैदान पहुंचने से रोका गया। उन्होंने सुबह अपने आवास के बाहर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों की तस्वीरें भी साझा कीं।

LEAVE A REPLY