शिमला में लगातार बारिश से मकानों पर खतरा बढ़ा, लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया

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शिमला में लगातार बारिश से मकानों पर खतरा बढ़ा, लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया
शिमला में लगातार हो रही बारिश से मकानों पर खतरा बढ़ गया है। खतरे के मद्देनजर लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा गया है। लगातार बारिश के कारण शिमला जिले के ननखरी और कोटगढ़ इलाकों की छह पंचायतों के कई घरों पर डूबने का खतरा मंडराने लगा है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। कुल्लू जिले के अन्नी क्षेत्र के जाबन के ऊपरी इलाकों में शुक्रवार रात को बादल फटने से देवरी खड्ड में अचानक बाढ़ आ गई। इसके चलते अलर्ट जारी करके आधी रात को नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। अचानक आई बाढ़ से बगीचों को भी नुकसान पहुंचा और कई स्थानों पर अन्नी-बरसा सड़क पर आवागमन बाधित हो गया। पानी के बहाव में बढ़ोतरी से कोटू नाले में भी बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। बारिश के कारण कुछ गांवों में जमीन धंस गई
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण कुछ गांवों में जमीन धंस गई है, जिससे कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि भूवैज्ञानिकों से जमीन धंसने के कारण का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया जाएगा। वहीं, कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने को बताया कि कुछ घरों और अन्य निजी संपत्तियों तथा गौशालाओं को नुकसान पहुंचने की सूचना मिली है, लेकिन अब स्थिति सामान्य है क्योंकि पानी कम हो गया है और कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ है। भारी बारिश से रामपुर इलाके में भूस्खलन
शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में शुक्रवार की रात भारी बारिश के कारण न केवल भूस्खलन हुआ, बल्कि संपर्क सड़कों के अलावा बोर्नी नाला और जियोरी सहित कई स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग-पांच (शिमला-किन्नौर) भी अवरुद्ध हो गया। रामपुर के स्थानीय विधायक नंद लाल ने कहा, ‘‘पिछले तीन सप्ताह से लगातार हो रही बारिश ने स्थिति गंभीर बना दी है। राहत और बहाली कार्य जोरों पर हैं। सड़कों को खोलने के लिए भारी मशीनरी का इंतजाम किया गया है और जोखिम वाले घरों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।राष्ट्रीय राजमार्ग-पांच पूरी तरह से बंद जनजातीय बहुल किन्नौर जिले में चौरा के पास भारी भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-पांच पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मॉनसून के दस्तक देने के बाद से राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में अब तक 184 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 33 लोग लापता हैं। राज्य में बारिश से करीब 700 घर बह गए हैं, जबकि 7,093 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 28 जुलाई तक राज्य को 5,536 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। स्थानीय मौसम कार्यालय ने येलो अलर्ट जारी करते हुए दो अगस्त को और अधिक भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। इसने चार अगस्त तक राज्य में बारिश का अनुमान जताया है।

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