यूपी पुलिस के लिए सिरदर्द बनीं ये चार ‘पत्नियां’, कानून के लंबे हाथ भी इन्हें पकड़ने में असमर्थ
यूपी में माफिया डॉन की चार पत्नियों ने पुलिस को महीनों से छका रखा है। इन पकड़ने का पुलिस का हर प्रयास असफल साबित हो रहा है। चारों को विभिन्न आपराधिक मामलों में साजिशकर्ता के रूप में नामित किया गया है। लेकिन यह चारों पुलिस के हाथ नहीं लग रही हैं।
लखनऊ: कहा जाता है कि अपराधी ज्यादा दिनों तक पुलिस से बचकर नहीं रह सकते। लेकिन इस कथन को उत्तर प्रदेश के चार अपराधियों और माफियाओं की पत्नियों ने गलत साबित कर दिया है। इन चार माफियाओं में तीन माफियाओं की हत्या हो चुकी है और एक माफिया पिछले कई वर्षों से जेल में बंद है। इन माफियाओं की पत्नियों में पर मामले दर्ज हैं लेकिन ये सभी पुलिस के हाथ नहीं लग रही हैं। इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस-प्रशासन ने स्पेशल टीम बना रखी हैं लेकिन सिवाय असफलता के इन्हें कुछ और हाथ नहीं लग रहा है।
इन चार पत्नियों में सबसे पहला नाम आता है माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन का। पुलिस की वांटेड लिस्ट में सबसे पहले और सबसे बड़ा नाम शाइस्ता का ही है। उमेश पाल हत्याकांड से पहले वह प्रयागराज से बसपा की मेयर पद की उम्मीदवार थी लेकिन इस हत्याकांड ने उसके लिए सबकुछ बदल के रख दिया। शाइस्ता उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार है, लेकिन पुलिस उसे अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
पुलिस ने दावा किया कि शाइस्ता हत्या के पीछे का मास्टरमाइंड थी, और उसने शूटरों को पैसे दिए थे। हत्याकांड में शामिल शूटरों में से एक शाइस्ता के तीसरे बेटे असद की 13 अप्रैल को झांसी में स्पेशल टास्क फोर्स ने मार गिराया। इसके दो दिन बाद 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तीन हमलावरों ने पुलिस हिरासत में गोली मार दी थी। शाइस्ता के पति, बेटे और देवर को कसारी मसारी परिवार के कब्रिस्तान में एक दूसरे के पास दफनाया गया। लेकिन वह उनके लिए शोक मनाने नहीं आई।
अतीक अहमद की पत्नी को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ कब्रिस्तान में अलर्ट पर थी कि शाइस्ता आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। करीब चार महीने हो गए हैं, लेकिन शाइस्ता परवीन का कोई सुराग नहीं है। उस पर 50 हजार का इनाम भी है। पुलिस उसकी तलाश में देश के कई राज्यों और शहरों में छापे मार चुकी है लेकिन उसे सिवाय निराशा के कुछ और हाथ नहीं लग रहा है।अशरफ की पत्नी भी पुलिस की पहुंच से बाहर
पुलिस को चकमा देने वाली दूसरी महिला मारे गए गैंगस्टर अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा है। जैनब भी उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार है और जब उसके पति की हत्या हुई, तब भी नहीं आई। वह उमेश पाल हत्याकांड में भी आरोपी है। जायदाद को लेकर शाइस्ता और जैनब के बीच अनबन की खबरें आ रही हैं। सूत्रों का यह भी दावा है कि दोनों एक साथ छिपी हुई हैं और आत्मसमर्पण करने के लिए सही समय का इंतजार कर रही हैं।
फरार पत्नियों में तीसरा नाम जेल में बंद डॉन मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी का है। मुख्तार अंसारी के अलावा उनके बेटे अब्बास अंसारी और बहू निकहत अंसारी जेल में हैं, जबकि मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी को भी हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। अफशा पर नौ मामले दर्ज किए गए हैं, इनमें से कुछ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हुए हैं। पुलिस अंसारी बंधुओं के हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही है लेकिन अफशा अंसारी पकड़ से बाहर है।
वहीं पुलिस की इस सूची में चौथा नाम पायल माहेश्वरी का जुड़ा है। पायल गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की पत्नी है, जिसकी 7 जून को कोर्ट रूम के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पायल माहेश्वरी ने अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए 8 जून को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसे यह भी डर था कि उसके पति की मृत्यु के बाद उसे गिरफ्तार किया जा सकता है और उसने कोर्ट में आग्रह किया कि वह अपने पति के अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने पायल माहेश्वरी की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और बाद में, अपने पति के दाह संस्कार में शामिल नहीं हुईं। बता दें कि पायल पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी
माफियाओं की फरार पत्नियों के मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कई टीम इनकी तलाश में सक्रिय हैं। इनकी गिरफ्तारी से कई मामलों में नई बातें सामने आना तय है। उन्होंने कहा कि अतीक, अशरफ और मुख्तार की पत्नियां बुर्का पहनकर चलती हैं और बुर्के में किसी भी महिला को पहचान पाना बेहद ही मुश्किल भरा काम है, जिससे उन्हें खोजने में और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।