नमाज स्थलों के आसपास ड्रोन और सीसीटीवी से रखी जाएगी नजर

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एजेंसी समाचार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जुमा अलविदा की नमाज और ईद को सकुशल संपन्न कराने के लिए डीजीपी मुख्यालय ने पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं। स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार ने बताया कि अलविदा की नमाज और ईद के दृष्टिगत प्रदेश के समस्त जनपदों में 2933 संवेदनशील स्थान एवं हॉट स्पाट्स चिन्हित करते हुए 849 जोन व 2460 सेक्टर में पुलिस की तैनाती गयी है। नमाज स्थलों के आसपास तथा संवेदनशील स्थलों पर ड्रोन कैमरे और हाई रिजोल्यूशन सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 29,439 मस्जिदों में अलविदा की नमाज अदा की जाएगी। वहीं ईद के दिन इन मस्जिदों के अलावा 3865 ईदगाहों में भी नमाज अदा की जाएगी। अलविदा की नमाज के अवसर पर सादे वस्त्रों में भी महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। साथ ही पुलिसकर्मियों को बॉडीवार्न कैमरा और वाइना कूलर के साथ तैनात किया जाएगा। अभिसूचना तंत्र तथा सोशल मीडिया सेल को सक्रिय व सतर्क करते हुए अफवाहों पर नियंत्रण की विशेष कार्यवाही की जा रही है।
वहीं 1785 क्यूआरटी टीमों को दंगा नियंत्रण उपकरणों, लाठी, हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर, केनशील्ड, टियर गैस गन, एंटी रायट गन, वाटर कैनन व वज्र वाहन के साथ चिह्नित हॉट-स्पाट्स एवं स्ट्रैटजिक प्वाइंट्स पर तैनात किया जा रहा है। साथ ही, पुलिस मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम पर राजपत्रित अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर पूरे प्रदेश में होने वाली घटनाओं की मॉनीटरिंग का प्रबंध किया गया है। समस्त जनपदों में पीस कमेटी, धर्मगुरुओं, सभ्रांत नागरिकों, पुलिस मित्र तथा सिविल डिफेंस के साथ संवाद स्थापित करते हुए 2669 गोष्ठियां की जा रही हैं। इनमें कोई गैर परंपरागत आयोजन न करने तथा सार्वजनिक मार्ग बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन न करने के संबंध में बताया गया है।
नगर निकाय चुनाव में ड्यूटी लगाते समय वरिष्ठता का ध्यान रखना होगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने इस बाबत निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सभी जिला मजिट्रेटों, जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस चुनाव में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने में गंभीरता बरती जाए। उनके पद, वरिष्ठता एवं गरिमा का ध्यान रखते हुए ही ड्यूटी लगाई जाएं। दरअसल कई संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई थी कि चुनाव ड्यूटी लगाने में वरिष्ठता क्रम को अनदेखा किया जा रहा है। कई वरिष्ठों को उनके कनिष्ठों के नीचे काम सौंपा गया है। इसी पर आयोग ने गंभीरता दिखाते हुए सभी जिलों को निर्देश भेजे हैं।

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