विधानसभा में लगी अदालत, 6 पुलिसवालों को सुनाई गई सजा, आधी रात तक रहेंगे जेल में बंद, जानें पूरा मामला
यूपी विधानसभा में अदालत लगी और 6 पुलिसवालों को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने एक दिन की सजा सुनाई। इन पुलिसवालों को आधी रात तक जेल में बंद रहना पड़ेगा।
लखनऊ: आपने ऐसा शायद ही देखा और सुना होगा कि विधानसभा कोर्टरूम बना हो और विधानसभा अध्यक्ष ने पुलिसवालों को सजा सुनाई हो। वो भी एक दिन की सजा जिसमें आधी रात तर पुलिस वालों को जेल में रहना पड़ेगा। लेकिन ऐसा हुआ है औऱ ये नजारा दिखा उत्तर प्रदेश की विधानसभा में, जहां शुक्रवार को अदालत लगी और 6 पुलिस वालों को सजा सुनाई गई।
विधानसभा में लगे इस अदालत के कठघरे में छह पुलिस कर्मियों को पेश किया गया और फिर सर्वसम्मति के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने दोषी पुलिस कर्मियों को एक दिन की सजा सुनाई, जिसमें पुलिस वालों को आधी रात तक जेल में रहना होगा। जिस मामले में पुलिसकर्मियों को ये सजा सुनाई गई है वो मामला सितंबर 2005 का है जो कानपुर जिले में विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना से जुड़ा हुआ है।
जिस समय यह घटना घटी उस वक्त प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और सितंबर 2005 में बिजली कटौती को लेकर कानपुर में भाजपा के तत्कालीन विधायक सलिल विश्नोई पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ धरना प्रदर्शन कर रहे थे। मामले में आरोप है कि तब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया था। इसमें तत्कालीन विधायक सलिल विश्नोई के पैर में फ्रैक्चर हुआ था और उसके बाद मामले की जांच के आदेश जारी किए गए थे।
इस लाठीचार्ज में तत्कालीन सीओ अब्दुल समद, तत्कालीन थाना प्रभारी किदवई नगर ऋषि कांत शुक्ल, तत्कालीन काका देवा एसआई त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटे सिंह, सिपाही विनोद मिश्र और सिपाही मेहरनाम यादव को आरोपी बनाया गया था। इन सभी लोगों के खिलाफ कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी। इस मामले में वर्ष 2005 से अभी तक कोर्ट का फैसला नहीं आया था।
शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के निर्देश पर सदन में अदालत लगी और प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की ओर से सदन में रखे प्रस्ताव को मंजूरी गई। इसके बाद अदालत की कार्यवाही शुरू हुई और कार्यवाही को लेकर सदन अध्यक्ष महाना ने सभी सदस्यों से उनकी राय मांगी तो सभी ने फैसला लेने का अधिकार अध्यक्ष को दिया। अध्यक्ष ने पुलिस कर्मियों को अपने पक्ष में बोलने का मौका दिया। इस पर पुलिस कर्मियों ने माफी मांगी। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सभी छह पुलिस कर्मियों को एक दिन की सजा सुनाई गई और जिसके बाद विधानसभा मार्शल्स उन्हें अपने साथ ले गए।