भारत और जर्मनी इन मुद्दों पर मिलकर करेंगे काम, चीन में मची खलबली और पाकिस्तान में कोहराम
भारत और जर्मनी ने अपने 70 वर्षों के संबंधों को और प्रगाढ़ करते हुए 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक साथ चलने पर सहमत हुए हैं। इसमें ऊर्जा, कारोबार और जलवायु परिवर्तन से लेकर आतंकवाद और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के विस्तार का मुद्दा अहम है। भारत और जर्मनी ने अपने 70 वर्षों के संबंधों को और प्रगाढ़ करते हुए 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक साथ चलने पर सहमत हुए हैं। इसमें ऊर्जा, कारोबार और जलवायु परिवर्तन से लेकर आतंकवाद और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के विस्तार का मुद्दा अहम है। भारत और जर्मनी की इस जुगलबंदी से चीन में खलबली मच गई है। वहीं पाकिस्तान की सांसें फूलने लगी हैं। जर्मनी ने भारत के साथ इस साझेदारी को बताया ऐतिहासिक
दोनों देशों ने हिन्द प्रशांत, यूक्रेन संघर्ष, अफगानिस्तान की स्थिति, पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे, सीरिया की स्थिति सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक विषयों पर विचारों का आदान प्रदान किया । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच दस समझौतों पर हस्ताक्षर अधिक समकालीन द्विपक्षीय साझेदारी के आधार का मजबूत संकेत है। वहीं, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही है तो हमारे लिये मिलकर आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है। बेयरबॉक दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार को भारत पहुंची। उनकी यात्रा ऐसे समय में हुई है जब चार दिन पहले ही भारत ने जी20 समूह की औपचारिक अध्यक्षता ग्रहण की है।
क्यों घबराया पाकिस्तान
दोनों देशों के बीच हुई बैठक के बाद बेयरबॉक के साथ संयुक्त प्रेस संबोधन में जयशंकर ने कहा, ‘‘ हमने अफगानिस्तान की स्थिति और पाकिस्तान के बारे में चर्चा की जिसमें सीमा पार आतंकवाद से जुड़ा विषय भी शामिल था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पनप रहे आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश सख्ती से निपटेंगे। भारत और जर्मनी के बीच हुए इस अहम समझौते से पाकिस्तान में कोहराम मच गया है।
हिंद-प्रशांत में बढ़ेगा भारत का दबदबा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने हिन्द-प्रशांत के विषय और ईरान के मुद्दे पर भी चर्चा की । उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों पर जर्मनी की विदेश मंत्री के विचारों को सुनना काफी उपयोगी और फलदायक रहा । उन्होंने कहा कि हमने लचीली आपूर्ति श्रृंखला सृजित करने और डिजिटल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के बारे में भी चर्चा की। इसके साथ ही हमारी चर्चा में अधिक सुरक्षित वैश्विक अर्थव्यस्था का विषय भी रहा । विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमने लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क को बढ़ाने पर चर्चा के साथ ही इस दिशा में समग्र प्रवासन एवं आवाजाही साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जिससे लोगों के लिए एक-दूसरे के देश में पढ़ाई, शोध और काम करना आसान होगा। आने वाले समय में अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का दबदबा और बढ़ेगा। जाहिर है कि चीन इससे परेशान हो उठा है।
जर्मनी ने भारत को बताया सबसे बड़ी उभरती हुई अर्थव्यवस्था
दरअसल भारत और जर्मनी ने ऊर्जा, कारोबार और जलवायु परिवर्तन सहित द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर सोमवार को विस्तृत चर्चा की। साथ ही समग्र प्रवासन एवं आवाजाही साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत और जर्मनी के बीच हुए इन अहम समझौतों के बाद अब लोगों के लिए एक-दूसरे के देश में पढ़ाई, शोध और काम करना आसान हो जाएगा। जयशंकर ने कहा कि हमारी चर्चा में वीजा से जुड़ा मुद्दा भी उठा । जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक ने कहा कि दुनिया कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही है और इस समय में भारत ने जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है, साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मासिक अध्यक्ष भी बना है। जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा कि हम भारत के साथ सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाना चाहते हैं। बेयरबॉक ने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र और उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और दुनिया के अनेकों देशों के लिये आदर्श है।