लखनऊ। धरतीपुत्र और नेताजी के नाम से जाने जाने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का आज (10 अक्टूबर) को गुरुग्राम में निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। इस दौरान वे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। और आज सुबह यहीं ही उन्होंने अंतिम सांस ली।
‘नेताजी’ मुलायम सिंह के बारे में बात करें तो उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति का किंग और किंगमेकर भी कहा जाता था। अपने जवानी के दिनों में पहलवानी करने वाले मुलायम सिंह राजनीति में भी खूब दांव पेंच अजमाए और कई धुरंदरों को पटखनी दी। मुलायम सिंह यादव का परिवार उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सबसे प्रतिष्ठित परिवारों में से एक है। आइए जानते हैं कि उनके वट वृक्ष रूपी परिवार के बारे में-
मुलायम सिंह यादव के बाबा का नाम मेवाराम था। मेवाराम के दो बेटे थे। सुघर सिंह यादव और बच्चीलाल सिंह यादव। सुघर सिंह के पांच बेटे हुए। इनमें मुलायम सिंह यादव, रतन सिंह, राजपाल सिंह यादव, अभय राम सिंह और शिवपाल सिंह यादव। भाइयों में मुलायम सिंह तीसरे नंबर और शिवपाल सिंह सबसे छोटे हैं।
रतन सिंह यादव
मुलायम सिंह के पांच भाइयों में से एक भाई रतन सिंह यादव थे। मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव रतन सिंह के पौत्र हैं। तेज प्रताप के पिता रणवीर सिंह हैं। तेज प्रताप ने इंग्लैंड की लीड्स यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट साइंस में एमएससी की है। तेज प्रताप की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी से हुई है। मतलब तेज प्रताप लालू के दामाद भी हैं।
अभयराम यादव
5 भाइयों में दूसरे भाई हैं अभयराम यादव। अभयराम राजनीति से हमेशा दूर रहे। पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव अभयराम के ही बेटे हैं। धर्मेंद्र तीन बार सांसद रह चुके हैं। सबसे पहले वे 2004 में मैनपुरी से लोकसभा सदस्य चुने गए थे। इसके बाद 2009 और फिर 2014 में बदायूं से जीत हासिल की। 2019 लोकसभा चुनाव में वह हार गए। जिसके बाद अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट से उपचुनाव में सपा उम्मीदवार के तौर पर धर्मेंद्र खड़े हुए, लेकिन उन्हें फिर से हार का सामना करना पड़ा।
मुलायम सिंह यादव
पांच भाइयों में मुलायम तीसरे नंबर पर हैं। उन्होंने चार अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी। मुलायम सिंह ने मालती देवी से पहली शादी की थी। अखिलेश यादव मुलायम और मालती देवी के ही बेटे हैं। अखिलेश यादव ने 24 नवंबर 1999 डिंपल यादव से शादी की। अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, वहीं डिंपल यादव भी सांसद रह चुकी हैं।
मुलायम की दूसरी शादी साधना गुप्ता से हुई। साधना और मुलायम के बेटे प्रतीक यादव हैं। प्रतीक यादव राजनीति से दूर रहते हैं। वह जिम संचालित करते हैं। उनकी पत्नी अपर्णा यादव जरूर राजनीति में कदम रख चुकी हैं। अपर्णा ने 2017 में सपा के टिकट पर लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ी थीं। विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।
राजपाल सिंह यादव
मुलायम के पांच भाइयों में चौथे नंबर पर राजपाल सिंह यादव का नाम आता है। राजपाल मुलायम सिंह यादव से छोटे हैं। राजपाल के बेटे अंशुल भी सक्रिय राजनीति में हैं। अंशुल लगातार दूसरी बार निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए हैं। राजपाल की पत्नी प्रेमलता यादव भी राजनीति में हैं। 2005 में प्रेमलता ने राजनीति में कदम रखा था। प्रेमलता ही मुलायम सिंह यादव परिवार की पहली महिला हैं, जिन्होंने राजनीति में कदम रखा था। इसके बाद शिवपाल सिंह यादव की पत्नी सरला यादव, अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव और प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने राजनीति में कदम रखा।
शिवपाल सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव के सबसे छोटे भाई हैं शिवपाल सिंह यादव मुलायम। पांच भाईओं में शिवपाल इकलौते हैं जो राजनीति में सक्रिय हैं। ऐसा माना जाता है कि शुरूआती राजनीति में मुलायम सिंह यादव की अगर किसी ने सबसे ज्यादा मदद की है तो वह शिवपाल सिंह यादव ने। सार्वजनिक मंच से खुद मुलायम इस बात का जिक्र कर चुके हैं। मुलायम ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके छोटे भाई शिवपाल ने उनके लिए पोस्टर तक चिपकाया हैं। 2017 विधानसभा चुनाव से पहले जब मुलायम के बड़े बेटे अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच अनबन हुई तो शिवपाल ने अलग पार्टी बना ली। शिवपाल जसवंतनगर सीट से विधायक भी हैं। उनके बेटे आदित्य यादव भी सक्रिय राजनीति में हैं।
प्रो. रामगोपाल यादव
मुलायम सिंह यादव के चाचा बच्चीलाल सिंह के बेटे प्रो. रामगोपाल यादव हैं। बच्चीलाल के दो बच्चे हैं। बेटा प्रो. रामगोपाल और बेटी गीता यादव। प्रो. रामगोपाल भी राजनीति में सक्रिय हैं। 2004 में उन्होंने मुलायम सिंह यादव के लिए मैनपुरी सीट छोड़ दी थी। मौजूदा समय में वह राज्यसभा के सांसद हैं। प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव भी राजनीति में सक्रिय हैं। वह 2014 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर फिरोजाबाद से सांसद चुने गए थे। 2019 लोकसभा चुनाव में हार गए।