जब ‘नेताजी’ ने लोकसभा में पीएम मोदी को दे दिया था ‘विजयी भव:’ का आशीर्वाद

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नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक कद काफी बड़ा था। वे सही मायनों में किंग और किंगमेकर दोनों थे। उनके विचारों में हमेशा देश सबसे पहले था। यही कारण है कि उनके सुझाव और संसद में उनके वक्तव्यों को बड़े ध्यान से सुना और समझा जाता था। वे एक ऐसी शख्सियत थे, जो विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों नेताओं से करीबी रखते थे। राजनीतिक मतभेदों के तमाम शिकवे होने के बाद भी जब मुलायम सत्ता पक्ष के नेताओं से मिलते थे तो उनका मिजाज दिलखुश होता था। पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों के धुरविरोधी रहे मुलायम का उनके साथ करीबियों का भी खूब जिक्र होता है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तो मुलायम से पीएम मोदी को फिर चुने जाने का आशीर्वाद ही दे दिया था।
जब मुलायम ने पीएम मोदी को दी बधाई
2019 के फरवरी की बात है। लोकसभा में मुलायम सिंह यादव बोल रहे थे। उनके बगल में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी बैठी हुई थीं। मुलायम ने कहा था, ‘हम प्रधानमंत्री जी को बधाई देना चाहते हैं कि आपने सबसे मिलजुलकर काम किया। यह सच है कि हमने जब-जब आपसे किसी काम के लिए कहा तो आपने उसी वक्त आदेश दे दिया। इसके लिए हम आपका सम्मान करते हैं।’ मुलायम ने आगे कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि मेरी कामना है कि सारे सदस्य फिर से जीतकर आएं। मैं कहना चाहता हूं कि हम लोग तो इतना बहुमत नहीं ला सकते तो आप फिर से प्रधानमंत्री बनें।’ इस पर पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर आभार व्यक्त किया और सदन ने मेज थपथपाकर मुलायम सिंह यादव की बात का समर्थन किया।
मुलायम-मोदी की ऐसी रही करीबी
मुलायम और मोदी की करीबी कोई नई नहीं थी। पीएम मोदी मुलायम सिंह के पोते के तिलक समारोह में शामिल होने सैफई गए थे। मुलायम ने एक बार 2016 में नरेंद्र मोदी के लिए कहा था, ‘पीएम मोदी को देखिए, वह मेहनत और लगन से प्रधानमंत्री बने हैं। वह एक गरीब परिवार से आते हैं और वह अपनी मां को भी नहीं छोड़ सकते हैं।’
पीएम मोदी ने किया मुलायम के साथ रिश्तों को याद
पीएम मोदी ने मुलायम के निधन पर दुख जताते हुए उनके साथ अपने पुराने रिश्तों को याद किया है। पीएम ने मुलायम सिंह यादव के साथ अपनी तस्वीरों को ट्वीट करते हुए कहा कि जब हम दोनों अपने-अपने राज्य के सीएम रहे थे तो हमारी मुलायम सिंह यादव के साथ कई बार मुलाकात हुई थी। ये करीबी रिश्ता हमेशा बना रहा। मैं हमेशा उनकी बातों और विचारों को सुनने की कोशिश करता था। उनके निधन से मुझे बहुत दुख हुआ है।

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