उत्तराखंड वक्फ बोर्ड जल्द ही राज्य में अपनी संपत्तियों से अवैध ढांचों को हटाएगा। बोर्ड के नए अध्यक्ष शादाब शम्स ने रविवार को इसकी जानकारी दी। शम्स 7 सितंबर को 10 सदस्यीय बोर्ड के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे।
उनका कहना है कि उत्तराखंड में 1.5 लाख करोड़ रुपये की वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा है। बोर्ड 15 सितंबर को होने वाली अपनी बैठक में पूरे राज्य में वक्फ जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए जरूरी बुलडोजर खरीदने या किराए पर लेने का प्रस्ताव पेश करेगा। शम्स ने ‘मीडिया से कहा, “राज्य के विभिन्न हिस्सों में हजारों एकड़ वक्फ भूमि पर अवैध रूप से कब्जा है। हम अपनी संपत्तियों को माफिया के चंगुल से मुक्त करना चाहते हैं ताकि वे उन लोगों के लिए उपयोगी बन सकें जिनके लिए वे वास्तव में हैं।”
उन्होंने कहा कि अवैध कब्जाधारियों को नोटिस दिया जा रहा है और कार्रवाई अगले सप्ताह कभी भी शुरू कर दी जाएगी। शम्स ने कहा, “कार्रवाई की शुरुआत देहरादून के प्रेम नगर से होगी, जहां 14 बीघा वक्फ भूमि पर अलीगढ़ के मुसलमानों का कब्जा है। वे सालों पहले यहां सेलाकी क्षेत्र में कारखानों में काम करने आए थे और अपना घर बना लिया था। इस भूमि पर लगभग 200 परिवार रहते हैं।” उन्होंने कहा, “कौन जानता है कि वे कौन हैं। वे संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले लोग हो सकते हैं। उत्तराखंड धर्मशाला नहीं है।”
राज्य में हजारों करोड़ की संपत्तियों पर कब्जा
वक्फ बोर्ड का कहना है कि राज्य में उसकी हजारों करोड़ की संपत्तियां है, जिन्हें वह अवैध कब्जों से मुक्त नहीं करा पा रहा है, लेकिन अब बोर्ड अपनी जमीनें वापस लेगा। उत्तराखंड राज्य स्थापना के दौरान राज्य में वक्फ बोर्ड की करीब 1.5 लाख करोड़ की संपत्ति रिकॉर्ड में दर्ज थी, जिसमें से पिछले 22 सालों में कीमत के लिहाज से काफी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इस दौरान 50% से ज्यादा की संपत्ति पर अवैध कब्जे हैं। इन्हीं कब्जों को हटाने के लिए वक्फ बोर्ड तैयारी कर रहा है।