Twin Tower: अब ब्लैक बॉक्स बताएगा ध्वस्त बिल्डिंग के अंदर घुप अंधेरे का मंजर

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Twin Tower: अब ब्लैक बॉक्स बताएगा ध्वस्त बिल्डिंग के अंदर घुप अंधेरे का मंजर, वैज्ञानिकों ने ऐसे की तैयारी
नोएडा के ट्विन टॉवर को गिरते और उड़ते धूल के गुबार को तो सभी ने देखा है। लेकिन बिल्डिंग के भीतर के मंजर का गवाह केवल वे दस ब्लैक बॉक्स हैं, जिन्हें सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिकों ने बिल्डिंग के भीतर इस मकसद से स्थापित किया था, कि भविष्य में इस तरह के ध्वस्तीकरण पर और बारीकि से अध्ययन किया जा सके।
इनमें से एक ब्लैक बॉक्स मिल गया है। बाकी की तलाश जारी है। इसके इतर वैज्ञानिकों ने बिल्डिंग के चारों तरफ 150 मीटर के दायरे में कई तरह के उपकरण लगाए जो कई दृष्टिकोण से ध्वस्तीकरण के प्रभाव को बताएंगे। जिस तरह से सभी शंकाओं को दूर करते हुए ट्विन टॉवर को बेहद सुरक्षित तरीके से जमींदोज किया गया।
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उसने भारतीय वैज्ञानिकों की कुशलता को दुनियाभर में साबित कर दिया है। इस पूरे काम में सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीय रिसर्च) इंडिया के रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) और सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सिंफर) धनबाद के वैज्ञानिकों की अहम भूमिका रही।
सीबीआरआई के चीफ साइंटिस्ट एवं जियो हेजार्ड रिस्क रिडक्शन ग्रुप लीडर डॉ. डीपी कानूनगो ने बातचीत में बताया कि हवाई जहाज की ही तरह बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण से पहले इसके अंदर 10 ब्लैक बॉक्स लगाए थे। जो पूरे ध्वस्तीकरण को बिल्डिंग के भीतर रिकार्ड करेंगे। जो बताएंगे कि बिल्डिंग किस तरह से गिरी, कितनी स्पीड में गिरी और किस तरह रोटेट होकर गिरी। इससे आगे की रिसर्च करेंगे। मलबे को नोएडा अथॉरिटी को उठाने लिए कहा गया है। अथॉरिटी इस मलबे की रिसाइकिलंग कराएगी। जिसके बाद यह मलबा भवन निर्माण में काम आ सकेगा।
ब्लैक बॉक्स मलबे में ढूंढे जा रहे हैं। इनमें से एक मिल गया है। बाकी की तलाश की जा रही है। संभव है बिल्डिंग गिरने से कुछ ब्लैक बॉक्स टूट भी गए हों। इन ब्लैक बॉक्स की रिकार्डिंग से भविष्य में इस तरह की बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण पर शोध में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस पूरे काम में दस वैज्ञानिकों की टीम थी। जिसमें से आठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की और दो वैज्ञानिक सिंफर धनबाद के शामिल है।
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