बीजेपी ने कितने राज्यों में जोड़-तोड़कर सरकार बनाई? देश के इन राज्यों में है पूरी तरह कब्जा
कई राज्यों में सरकार बनाने के लिए बीजेपी के जोड़-तोड़ करने की रणनीति का भी अहम योगदान है। यही वजह है कि बीजेपी ने गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हरियाणा और बिहार में अपनी सरकार बना ली। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने रणनीति बनाकर कांग्रेस सरकार गिराईकर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार गिराईहरियाणा में जजपा के साथ किया गठबंधन देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने 26 मई साल 2014 को शपथ ली थी। ये वो दौर था जब बीजेपी और उसके गठबंधन दल (NDA) केवल 7 प्रदेशों में ही सत्ता में थे। लेकिन आज परिस्थितियां बदल गई हैं। इसे चाहें नरेंद्र मोदी का करिश्माई नेतृत्व कहें या अमित शाह का राजनीतिक कमाल, आज देश के एक बड़े हिस्से पर बीजेपी और उसके गठबंधन दलों (NDA) का कब्जा है। ऐसे में ये कहना भी गलत नहीं होगा कि राज्यों में चुनाव जीतने और सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने जमीनी लेवल पर काफी काम किया है और अपने कार्यकर्ताओं को काफी मोटिवेट किया है। इसके अलावा सरकार बनाने के लिए बीजेपी के जोड़-तोड़ करने की रणनीति का भी अहम योगदान है। यही वजह है कि बीजेपी ने गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हरियाणा और बिहार में सरकार बना ली।मध्य प्रदेश में बीजेपी ने क्या किया
महाराष्ट्र की महाविकास अघाडी सरकार की जो हालत इस समय हो रही है, वही हालत मध्य प्रदेश में साल 2020 में हुई थी। उस समय सामने आया था कि करीब 22 विधायक बीजेपी के संपर्क में थे । दरअसल कुल 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास केवल 114 विधायक थे और उसे बहुमत के लिए 116 विधायक चाहिए थे। ऐसे में कांग्रेस को 4 निर्दलीय, दो बीएसपी और एक एसपी विधायक का समर्थन मिला था। इस तरह कुल 121 विधायक उसके साथ आ गए थे।वहीं बीजेपी के पास उस समय 108 विधायक थे। इसी दौरान कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी और 22 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद एमपी में कमलनाथ सरकार गिर गई और आज यहां बीजेपी की सरकार है।गोवा में बीजेपी ने क्या रणनीति अपनाई?
गोवा में कुल 40 विधानसभा सीटों के लिए साल 2017 में जब चुनाव हुए थे तो नतीजों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी। उसे कुल 17 सीटें हासिल हुई थीं और दूसरे नंबर पर बीजेपी रही थी। बीजेपी को इस चुनाव में केवल 13 सीटें मिली थीं। चुनाव नतीजों में कांग्रेस बड़ी पार्टी थी लेकिन बीजेपी ने एमजीपी, जीएफपी व 2 निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार बना ली थी।इसी तरह जब साल 2022 में जब गोवा विधानसभा के चुनाव नतीजे आए तो बीजेपी ने 20 सीटें जीती। यहां भी वह एक सीट से बहुमत पाने में नाकामयाब रही थी। फिर बीजेपी ने 3 निर्दलीय और महाराष्ट्रवादी गोमांतक (एमजीपी) के 2 विधायकों का सपोर्ट लिया और राज्य में अपनी सरकार बना ली।
कर्नाटक में बीजेपी ने क्या खेल खेलाकर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर साल 2018 में हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सबसे अधिक सीटें जीती थीं। उसे कुल 104 सीटें हासिल हुई थीं। लेकिन जेडीएस-कांग्रेस ने गठबंधन करके 120 सीटों के साथ सरकार बना ली थी। चूंकि कर्नाटक को बीजेपी अपने लिए एक अहम राज्य मानती है। अगर उसके हाथ से कर्नाटक निकला तो उसके लिए दक्षिण भारत का दरवाजा बंद हो जाएगा। यही वजह है कि बीजेपी ने यहां पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी।साल 2019 में कर्नाटक में बीजेपी ने खेल खेला था। यहां जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार थी और एक समय ऐसा आया कि इस सरकार के 16 विधायक बीजेपी के संपर्क में आ गए। इसके बाद छह महीने भी नहीं बीते और जुलाई 2019 में 14 महीने पुरानी जेडीएस-कांग्रेस सरकार गिर गई। आज कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है।हरियाणा में क्या हुआहरियाणा में साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जननायक जनता पार्टी (जजपा) से मिलकर सरकार बनाई थी। यहां भी चुनाव के दौरान काफी सरगर्मी रही थी लेकिन नतीजों के बाद तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कर दिया था कि राज्य में बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा और उपमुख्यमंत्री पद जजपा को दिया जाएगा। भाजपा ने यहां सरकार बनाने के लिए पहले निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल किया था, उसके बाद जजपा से बातचीत की थी।
इसके पीछे की रणनीति ये थी कि भाजपा नहीं चाहती थी कि उसे जजपा की सारी शर्तें माननी पड़ें, इसलिए उसने निर्दलीयों को साधकर बहुमत का आंकड़ा पाया। बाद में उसने जजपा से बात की। भाजपा केवल इसलिए जजपा का साथ चाहती थी, जिससे स्थिरता बनी रहे।
बिहार में क्या खेल हुआ2014 के आम चुनाव में बीजेपी ने जब नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार कमेटी का प्रमुख बनाया तो उसके विरोध में जेडीयू ने बिहार में भाजपा के साथ 17 साल पुराने गठबंधन को खत्म कर लिया। 2014 के लोकसभा में मिली असफलता के बाद जेडीयू और आरजेडी ने कांग्रेस के साथ मिलकर 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में साथ चुनाव लड़ा और बिहार में सरकार बना ली।
लेकिन 26 जुलाई 2017 को नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और 20 महीने पुराने महागठबंधन से पार्टी को अलग कर लिया। इसके अगले ही दिन उन्होंने बीजेपी के सहयोग से बिहार में सरकार बना ली और बिहार के मुख्यमंत्री बन गए। बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच टूटी दोस्ती का फायदा बीजेपी ने उठाया और जेडीयू के सहयोग से बिहार में भी अपना वर्चस्व कायम कर लिया।