अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) चिप वाहनों पर लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही वाहनों के गुजरने के लिए कट ऑफ टाइम जारी किया जाएगा। इस समय के बाद किसी भी यात्री को घाटी की ओर आने तथा जम्मू की ओर जाने की अनुमति नहीं होगी। यह फैसला शुक्रवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला व इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक अरविंद कुमार की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में किया गया। ज्ञात हो कि यात्रा इस साल 30 जून से शुरू होगी और 43 दिनों तक चलेगी।
सुगम और घटना मुक्त तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए फूलप्रूफ सुरक्षा कवच
सूत्रों के अनुसार, बैठक में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों व सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई। इस साल सुगम और घटना मुक्त तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए फूलप्रूफ सुरक्षा कवच बनाने पर जोर दिया गया। संदिग्धों पर कड़ी नजर रखने और सुरक्षा अधिकारियों को तीर्थयात्रा से पहले आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने का निर्देश दिया गया। घटनामुक्त यात्रा के लिए एक बहुस्तरीय सुरक्षा ग्रिड भी तैयारकिया गया है।
वाहनों के लिए जल्द ही कटऑफ टाइमिंग जारी की जाएगी
सुरक्षा योजना के हिस्से के रूप में तीर्थयात्री आरएफ आईडी चिप वाले वाहनों में यात्रा करेंगे, जिससे पुलिस उनके मूवमेंट को आसानी से ट्रैक कर सकेगी। यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों के लिए जल्द ही कटऑफ टाइमिंग जारी की जाएगी ताकि वे सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर रहें। बैठक में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड, प्रशासन, पुलिस, सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी मौजूद थे।
कश्मीर पहुंचने लगीं अतिरिक्त कंपनियां
श्रीनगर वर्ष 2022 की अमरनाथ यात्रा की तैयारियों के बीच बीच सुरक्षाबलों की अतिरिक्त कंपनियां कश्मीर पहुंचनी शुरू हो गई हैं। इन्हें इस साल यात्रा के सुचारू संचालन के लिए तैनात किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि हर दिन अतिरिक्त सुरक्षाबलों की कम से कम चार कंपनियां कश्मीर में पहुंच रही हैं।
पहलगाम और बालटाल सोनमर्ग पर तैनात किया जाएगा
जवानों को राजमार्गों के किनारे, आधार शिविरों, संवेदनशील स्थानों पर और पवित्र गुफा की ओर जाने वाले दोनों मार्गों-पहलगाम और बालटाल सोनमर्ग पर तैनात किया जाएगा। घाटी पहुंचने वाली अतिरिक्त कंपनियों में सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया मई अंत तक जारी रहेगी और उसी के अनुसार तैनाती की जाएगी।
आठ लाख यात्रियों के पहुंचने की उम्मीद
जम्मू-कश्मीर सरकार इस साल एक ऐतिहासिक यात्रा की उम्मीद कर रही है जिसमें रिकॉर्ड संख्या में यात्रियों के भगवान शिव के हिमलिंग के दर्शन करने की उम्मीद है। सरकार को इस साल छह से आठ लाख यात्रियों की उम्मीद है। होटल व्यवसायियों ने तीर्थयात्रियों को समायोजित करने के लिए एक प्लान बनाना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि इस साल मार्च में पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक 1.80 लाख दर्ज की गई जो पिछले दस वर्षों में एक रिकॉर्ड है। इसे देख यह लग रहा है कि यात्री भी भारी संख्या में यहां पहुंचेंगे जिससे पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी उम्मीदें हैं।