नई दिल्ली. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को संसद में कहा कि साल 2020 में भारत में 1,58,964 दोपहिया वाहनें सड़क दुर्घटना का शिकार हुईं, जिसमें 56,873 लोगों को आपनी जान से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में पूरे भारत में दोपहिया वाहनों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं में 56,136 लोग मारे गए, जबकि दोपहिया वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं की कुल संख्या 167,184 थी।
गडकरी ने आगे कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है जो शिक्षा, सड़कों और वाहनों की इंजीनियरिंग, प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को लागू करेगी।
‘हर चार मिनट में होती है एक मौत’
भारत उन देशों में से एक है जहां सड़क दुर्घटनाओं के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं और गंभीर चोटें आती हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत में हर साल लगभग 4,50,000 दुर्घटनाएं होती हैं, जिससे लगभग 1,50,000 लोग मारे जाते हैं और कई विकलांग या गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। वास्तव में, भारत सड़क दुर्घटनाओं के कारण सबसे अधिक मौतों वाला देश है। एक अनुमान में यह दावा किया गया है कि भारत में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और हर चार मिनट में एक मौत होती है।
दोपहिया वाहन दुर्घटनाएं ज्यादा
इनमें से ज्यादातर सड़क हादसों में दोपहिया वाहन शामिल होते हैं। जहां इन हादसों का एक कारण यातायात नियमों का पालन नहीं करना है। वहीं सड़क की विवादित खराब हालत भी अन्य कारणों में से एक है। साथ ही, इनमें से ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं नेशनल हाईवे पर होती हैं।
बचाव के लिए सरकार की कोशिशें
दोपहिया वाहनों से जुड़े इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की कोशिश में, MoRTH ने कई अलग-अलग कदम उठाए हैं। इसने दोपहिया निर्माताओं से 125cc से ज्यादा इंजन डिस्प्लेसमेंट वाले सभी दोपहिया वाहनों में ABS (एंट्री ब्रेक सिस्टम) का फीचर देने के लिए कहा
है।