Cryptocurrency की वैल्यू पर नहीं, ट्रांजैक्शन फीस पर लगेगा GST

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सरकार क्रिप्टोकरंसी ट्रांजैक्शंस (cryptocurrency transactions) पर लगने वाली सर्विस फीस पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) वसूलेगी। लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। हालांकि, वित्त मंत्रालय को अभी यह तय करना है कि एक्शनेबिल क्लेम के दायरे में आने वाले कुछ क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस (crypto transactions) से किस तरह इनडायरेक्ट टैक्स वसूलना जाना है।

जीएसटी उन गुड्स या सेवाओं पर लगता है, जो एक कीमत लेकर दी जाती हैं। हालांकि, कुछ ट्रांजैक्शंस जैसे- कंपनी का अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहन देने के लिए फ्री टोकन देना या अपने प्रोडक्ट्स को प्रोत्साहन देना आदि सप्लाई के इस विवरण पर फिट नहीं होते और इसे एक्शनेबिल क्लेम के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जो जीएसटी के दायरे से बाहर बने रहते हैं। एक अधिकारी ने कहा, सरकार इस मुद्दे पर क्लैरिफिकेशन के लिए जीएसटी काउंसिल (GST Council) से संपर्क कर सकती है।

सरकार को ‘एक्शनेबिल क्लेम्स’ के मामले में बनानी है नीति
दो अधिकारियों में से एक ने कहा, “क्रिप्टो असेट्स (crypto-assets) पर जीएसटी एक्सचेंज द्वारा वसूले जाने वाले मार्जिन या सर्विस फी पर ही लगता है, पूरी वैल्यू पर नहीं।” लेकिन सरकार को ‘एक्शनेबिल क्लेम्स’ (actionable claims) के मामले में जीएसटी के उपयोग पर एक नीति बनानी है।

कुछ मामलों में तस्वीर साफ नहीं
दूसरे अधिकारी ने कहा, “चुनिंदा ट्रांजैक्शंस के मामले, जैसे- क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग से जुड़ी एक्टिविटी या दो लोगों के बीच क्रिप्टो असेट्स के आदान-प्रदान, इनमें हम देख रहे हैं कि क्या यह गुड्स और सर्विसेस की सप्लाई में ट्रांजैक्शन शामिल होता है या क्या यह महज एक एक्शनेबिल क्लेम है जो जीएसटी कानून के तहत न तो गुड्स है और न ही सर्विसेज है।” उन्होंने कहा कि यदि यह गुड्स या सर्विसेज में वर्गीकृत है तो जीएसटी लागू होगा।

जीएसटी काउंसिल को तस्वीर करनी होगी साफ
अधिकारी ने कहा, “एक विचार यह है, क्योंकि यह एक एक्शनेबिल क्लेम है, इसलिए न तो गुड्स न ही सर्विस है। यह भाग बहुत स्पष्ट नहीं है। हम इस संबंध में आगे अपना रुख तय करेंगे।”
मंगलवार को आम बजट में वर्चुअल असेट्स से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैक्स के प्रस्ताव के बाद फिलहाल क्रिप्टो टैक्स को लेकर कम ही स्पष्टता है। अब इनडायरेक्ट टैक्स के मोर्चे पर जीएसटी काउंसिल को स्थिति स्पष्ट करनी होगी।

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