हड़ताल पर गए डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी, तीन को करेंगे विधानसभा घेराव

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देहरादून। शासन की नो वर्क नो पे की चेतावनी के बाद भी प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक जनरल-ओबीसी कर्मचारी सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए। इससे राजधानी में सचिवालय समेत जिलों के तमाम सरकारी विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया। देहरादून में कर्मचारियों ने नो वर्क नो पे के आदेश की प्रतियां फूंककर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं, पौड़ी समेत कई जिलों में रैली निकाल कर प्रदर्शन भी किया। कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अब नौकरी से बर्खास्त भी कर दिया जाए तो भी वह बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली का आदेश लिए काम पर नहीं लौटेंगे।
सोमवार की सुबह मुख्य सचिव की ओर से नो वर्क नो पे का आदेश जारी कर कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने की आखिरी कोशिश की भी नाकाम रही। आदेश जब कर्मचारियों तक पहुंचा तो वह सभी और भड़क गए। सुबह करीब दस बजे कर्मचारी सचिवालय समेत सभी प्रमुख विभागों के कार्यालयों के सामने इकट्ठा हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। फिर वहां से परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। यहां से नारेबाजी करते हुए सचिवालय कूच कर दिया।
कर्मचारी सेवायोजन कार्यालय, तिब्बती मार्केट, लैंसडौन चैक होते हुए कनक चैक पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें आगाह किया कि सचिवालय कूच की उनके पास अनुमति नहीं है। इस पर कर्मचारियों ने कनक चैक पर मुख्य सचिव के आदेश की प्रतियां जलाईं और दोबारा परेड ग्राउंड पहुंचकर सभा शुरू कर दी। उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि तनख्वाह रोकना तो छोटी कार्रवाई है। हमने तय कर लिया है कि अब नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया जाए तो भी बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली का शासनादेश लिए काम पर नहीं लौटेंगे।

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