बेटी की शादी पर मां ने पेश की मिसाल, न परोसी गई शराब, न शराबी को घुसने दिया

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चमोली। एक मां अगर कुछ ठान ले तो क्घ्या नहीं हो सकता? वहीं, अगर एक मां किसी बुरे काम को खत्म करने की पहल अपने घर से करे, तो वो लोगों के मन में भी छाप छोड़ जाती है और सभी उस राह पर बढ़ने की कोशिश शुरू कर देते हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में भी एक मां ने ऐसी ही मिसाल पेश की जब उसने अपनी बेटी के शादी समारोह में न तो शराब परोसी और ही किसी शराबी को शादी में घुसने दिया।
अब शादी समारोह हो और शराब न परोसी जाए, तो समारोह को फीका माना जाता है, लेकिन उत्तराखंड के कई गांवों में ये अब ये बाते बेमाने साबित हो रही है। शराब का लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर गावों में महिलाएं जागरूक होकर इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है। कई जगह तो शादी समारोह में भी शराब परोसने की खिलाफत कर दी गई है, तो कई जगहों पर इसके खिलाफ आंदोलन चलाए जा रहे हैं।
इस बीच चमोली के घाट गांव में एक मां ने मिसाल पेश की है। दरअसल, चमोली के घाट गांव निवासी देवेश्वरी बिष्ट और त्रिलोक बिष्ट की बेटी की 27-28 फरवरी को जोशीमठ ब्लॉक के सेलंग गांव निवासी परवीन से शादी हुई। इस शादी के निमंत्रण पत्र में साफ-साफ शब्दों में शराब न परोसे जाने और शराब पीकर शादी में शामिल न होने का संदेश दिया गया और हुआ भी यही। शादी समारोह में न तो शराब परोसी गई और न ही किसी शराबी को शामिल किया गया। देवेश्वरी देवी ने इससे सबको साफ संदेश दे दिया कि शराब घरों को जोड़ती नहीं, बल्कि तोड़ती है।

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