कुल की रस्म अदा होने के साथ ही हुआ 808वें उर्स का अनौपचारिक समापन

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एजेंसी न्यूज
अजमेर। ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें उर्स में सोमवार को कुल की रस्म अदा होने के साथ ही उर्स का अनौपचारिक समापन हो गया है. आज दरगाह शरीफ में सालाना छठी मनाई जा रही है. सुबह 11 बजे कुल की महफिल शुरू हुई. इसकी सदारत दरगाह दीवान सैय्यद जेनुअल आबेदीन अली खान ने की. दरगाह के खादिमों की ओर से भी इस मौके पर विशेष दुआ की गई।
इसके साथ ही जियारत के लिए उमड़े जायरीनों ने दरगाह परिसर पर कुल के छीटें देना शुरू किया. रविवार रात को ईशा की नमाज के बाद से ही जायरीनों ने दरगाह को केवड़े और गुलाब जल से धोना शुरू कर दिया था. जायरीन इस पानी को महफूज रखते हैं. ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के दौरान लगातार 6 दिन तक खुला हुआ जन्नती दरवाजा भी सोमवार को बंद कर दिया गया।
कुल की रस्म के बाद दरगाह के खादिमों ने एक दूसरे की दस्तारबंदी की और दरगाह में शादियाने बजाए गए. कुल की रस्म के बाद महफिल खाने में मलंगों और कलंदरों ने हैरत अंगेज करतब दिखाए. लाखों की तादाद में अजमेर आए जायरीनों ने मुल्क में अमन, चैन, तरक्की और खुशहाली की दुआएं मांगी. आज से ही दरगाह में खिदमात का वक्त वापस 3 बजे से 4 बजे तक का हो गया है।
गौरतलब है कि ख्वाजा गरीब नवाज के 808वें उर्स का गत मंगलवार रात को औपचारिक आगाज हुआ था. उसके बाद दरगाह का जन्नती दरवाजा खोल दिया गया था. दो वर्ष के बाद इस बार पाकिस्तान से भी जायरिनों का जत्था अजमेर शरीफ आया था. उर्स के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई राजनीतिक हस्तियों की ओर ख्वाजा के दरबार में चादर पेश की गई।

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