देहरादून। आगामी मार्च में तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में जल्द मंत्रियों की संख्या में इजाफा होने जा रहा है। मंत्रिमंडल में रिक्त तीन स्थानों को जल्द भरे जाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अब निश्चित रूप से मंत्री पद भरे जाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। इसके साथ ही मंत्री पद के दावेदारों के बीच लाबिंग भी शुरू हो गई है।
पिछले विधानसभा चुनाव में 70 में से 57 सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता तक पहुंची भाजपा ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी। रावत के नेतृत्व में 18 मार्च 2017 को 10 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने शपथ ग्रहण की। संवैधानिक प्रविधानों के मुताबिक उत्तराखंड में मंत्रिमंडल का आकार अधिकतम 12 सदस्यीय हो सकता है। लिहाजा, तब माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री जल्द अपनी टीम का विस्तार करेंगे लेकिन कई बार चली चर्चाओं के बाद भी ऐसा हुआ नहीं। इस बीत गत वर्ष जून में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का असामयिक निधन हो गया। इससे मंत्रिमंडल में रिक्त स्थानों की संख्या तीन हो गई।
पंत के निधन के बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना बलवती हुई लेकिन सात महीने से ज्यादा वक्त गुजर गया और मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल नहीं किए गए। दरअसल, मुख्यमंत्री के लिए नए मंत्रियों का चयन किसी चुनौती से कम नहीं। स्थिति यह है कि भाजपा के पास पांच ऐसे विधायक हैं, जो पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। इसी तरह दो या इससे ज्यादा बार के वरिष्ठ विधायकों की संख्या लगभग 20 है। इसके अलावा मंत्रिमंडल विस्तार में मुख्यमंत्री को क्षेत्रीय और जातीय संतुलन भी साधना होगा। हालांकि पिछले ढाई साल के दौरान चली चर्चाओं में आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों को मंत्री पद का दावेदार बताया गया।