एजेंसीं न्यूज
लखनऊ। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन गुरूवार को नागरिकता संशोधन कानून तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय व लखनऊ के नदवा कालेज में पुलिस के लाठीचार्ज को लेकर दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ। सपा और कांग्रेस के सदस्यों ने वेल में नारेबाजी की और सरकार विरोधी नारे लिखे हुए पोस्टर लहराए।विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भी समाजवादी पार्टी ने सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर बरकरार रखे हुए है। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सपा विधायकों ने विधान भवन स्थित चरण सिंह की प्रतिमा के निकट धरना दिया।
बसपा सदस्य वेल में नहीं पहुंचे परंतु उन्होंने अपनी सीटों पर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया। विधानसभा व विधान परिषद में हंगामे के चलते प्रश्नकाल भी नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पूर्व सपा विधायकों ने विधानभवन परिसर में चैधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया। विधानसभा मंडप में मंगलवार को प्रातरू 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया। नेता विरोधी दल राम गोविंद चैधरी ने नागरिकता कानून का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 30 वर्ष बाद छात्र आंदोलन गर्माया है। पुलिस बर्बरता से जनता की आवाज कुचलने में लगी है। उन्होंने इस कानून को वापस कराने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह मामला सदन के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है, इसलिए प्रस्ताव पर चर्चा कराना संभव नहीं है।
नेता बसपा लालजी वर्मा और नेता कांग्रेस आराधना मिश्रा मोना ने नेता प्रतिपक्ष की मांग का समर्थन किया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए छात्रों पर बर्बरता से इन्कार किया। इस जवाब से आक्रोशित सपा व कांग्रेस सदस्यों ने वेल में पहुंचकर नारेबाजी की और पोस्टर लहराए। बसपा सदस्य सीटों पर खड़े होकर हंगामा कर रहे थे। माहौल शांत न होने पर अध्यक्ष ने पहले 30 मिनट और बाद में 12.20 बजे तक सदन स्थगित कर दिया।