पंडित हनुमान प्रसाद की संपत्ति पर तिरंगा परिवार का ही मालिकाना हक: स्वामी अच्युतानंद

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हुकूमत एक्सप्रेस
चन्दौसी (सम्भल)। श्री रघुनाथ आश्रम ब्रह्मचर्य विद्यालय व समस्त भूमि के संस्थापक पंडित हनुमान प्रसाद सिंह जिनकी समस्त सीता आश्रम पर मौजूदा भूमि है करीब 62 बीघे आज उनके परिवार से अच्युतानंद महाराज हरिद्वार से आए उन्होंने बताया कि इस भूमि की रक्षा व सुरक्षा तिरंगा परिवार करें और सभी के सहयोग से एक ट्रस्ट घटित हो जिससे इस भूमि पर कोई अन्य ट्रस्ट तानाशाही ना दिखा सके। अगर ऐसा कोई करता है तो उसके लिए हम मौजूद हैं यह किसी की बपौती नहीं यह पंडित हनुमान सिंह की धरोहर है जिसकी सुरक्षा करना हम सबका दायित्व है। श्री रघुनाथ आश्रम भूमि का ट्रस्ट संपत्ति विवाद की धमक संपत्ति के असल मालिक का बारिश तक पहुंची वही बता दे तिरंगा परिवार से संबंध रखने वाले ब्रह्मलीन स्वामी भूमानंद के शिष्य स्वामी अच्युतानंद महाराज हरिद्वार तक जा पहुंची आपको बता दें कि पिछले महा कुछ अग्रवाल समाज के लोगों ने एक चुनाव किया था कि रघुनाथ आश्रम के ट्रस्टी हम हैं और चुनाव आनन-फानन में गठित कर दिया गया। जो कि ट्रस्ट के मौजूदा व सरकार द्वारा विधि विधान से नियुक्त मंत्री तिरंगा परिवार के राजकुमार शर्मा विष्णु शर्मा द्वारा पूर्ण रूप से फर्जी करार दिया गया था और इसकी शिकायत तिरंगा परिवार संपत्ति के मौजूदा आंचल बारिश से की इस परिपेक्ष में स्वामी अच्युतानंद महाराज हरिद्वार से सोमवार सीता आश्रम स्थित बलिया वाली मंदिर में पधारे वहीं उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान स्वामी जी ने स्पष्ट किया कि अग्रवाल समाज के कुछ लोग जो अनैतिक अवैध रूप से अतिक्रमण करके ट्रस्ट की संपत्ति पर अपना मालिकाना हक जताकर हड़पने के मूड में हैं। फर्जी ट्रस्टयू को मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि पंडित हनुमान सिंह ने यह भूमि की रक्षा की और उनका यह कहना था कि आओ सब मिलकर इस भूमि की रक्षा करें और आगे बढ़े सामाजिक कार्य करें जैसे कन्याओं का विवाह है गरीब लोगों की सहायता है। निर्धन और इस प्रांगण में रामलीला का आयोजन हो उन्होंने कहा की फर्जी चुनाव कराकर संपत्ति को अपनी बपौती न समझें और समय रहते चेत जाएं अन्यथा पछताने का भी अवसर प्राप्त नहीं होगा। वार्ता के दौरान रघुनाथ आश्रम ब्रह्मचर्य विद्यालय के आचार्य विश्वास उपाध्याय ने ट्रस्ट के मौजूदा मंत्री पर पूर्वाग्रह का आरोप मढ़ दिया। इस पर स्वामी क्रोधित हो गए और अचार्य को हद में रहने की चेतावनी दी आचार्य जी यह न समझे कि विद्यालय में आप की मनमानी चलेगी उन्होंने कहा तिरंगा परिवार को कमजोर न समझें मैं राज्यपाल महोदय से कहकर ट्रस्ट पर रिसीवर भी बेतवा सकता हूं। इसलिए यह समस्त संपत्ति पंडित हनुमान प्रसाद सिंह जी की है और एक वसीयत लिखकर अपनी फलों की संपत्ति और जायद राजेंद्र तिरंगा परिवार को मालिकाना हक है इस संपत्ति पर जो लोग अपना हक जता रहे हैं उन्हें मैं मीडिया के माध्यम से कहना चाहता हूं कि वह सामने आकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें मैं ऐसे लोगों को चेतावनी देना चाहता हूं तिरंगा परिवार को किसी रुप से कमजोर समझने की भूल ना करें पूर्व ट्रस्टी यदि वे नगर व समाज के हित में कार्य करेंगे तभी उनकी भलाई है अन्यथा परिणाम अच्छा नहीं होगा जिसके वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।

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