देहरादून। लोक निर्माण और सिंचाई विभागों के सेवारत और सेवानिवृत्त कार्यप्रभारित कार्मिकों को पेंशन, ग्रेच्युटी और एरियर का रास्ता साफ हो गया। त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने उक्त कार्यप्रभारित कार्मिकों के भुगतान को हरी झंडी दिखा दी। इससे तकरीबन साढ़े पांच हजार कार्मिक लाभान्वित होंगे। अन्य महत्वपूर्ण फैसले में मंत्रिमंडल ने प्रदेश में छह हजार से ज्यादा होमगार्डों का मानदेय बढ़ाने पर मुहर लगा दी। होमगार्डों को प्रतिदिन 600 रुपये और मासिक 18 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में तकरीबन 14 बिंदुओं पर चर्चा हुई। 13 बिंदुओं पर फैसला लिया गया। एक बिंदु स्थगित कर दिया गया। विधानसभा सत्र के चलते मंत्रिमंडल के फैसलों की ब्रीफिंग नहीं की गई। सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लोक निर्माण और सिंचाई में कार्यरत और सेवानिवृत्त वर्कचार्ज कर्मचारियों की वर्कचार्ज सेवा अवधि को शामिल करते हुए पेंशन का लाभ देने का फैसला मंत्रिमंडल ने लिया।
3050 सेवानिवृत्त और 2500 से ज्यादा कार्यरत वर्कचार्ज कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की तिथि दो सितंबर, 2019 से तीन वर्ष पहले तक पेंशन के एरियर का भुगतान भी किया जाएगा। एरियर का भुगतान चार किस्तों में होगा। पेंशन पर सालाना 45 करोड़, तीन वर्षों के एरियर के रूप में 120.48 करोड़ व कार्मिकों के ग्रेच्युटी भुगतान को 70 करोड़ समेत कुल 235.48 करोड़ का व्ययभार सरकार पर पड़ेगा।
मंत्रिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट के 30 जुलाई, 2019 के आदेश के अनुपालन में होमगार्डों को प्रतिदिन 600 रुपये मानदेय देने का निर्णय लिया। अभी होमगार्डों को प्रतिदिन 450 रुपये मानदेय दिया जा रहा है। उन्हें एरियर के रूप में 60 करोड़ भुगतान होगा, जबकि प्रतिदिन 600 रुपये मानदेय देने से खजाने पर 24 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।