काशीपुर बस अड्डे पर नशेड़ियों का जमावड़ा

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काशीपुर। काशीपुर डिपो में बसों का नहीं नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है। विगत तीन माह से तो बसें जलने के बाद से यह परिसर तीसरी आंख की जद में है, लेकिन नशेड़ी तीसरी आंख में भी धूल झोंक कर अपना काम निकाल रहे हैं। यहां नशेड़ियों में विवाद, मारपीट, गाली-गलौज तो हमेशा से होता रहा है। लेकिन इन दिनों नशेड़ियों के लिए आरओबी भी वरदान साबित हो रहा है। आरओबी बनने के चलते अब रात तो क्या दिन में भी रोडवेज परिसर में सन्नाटा पसरा रहता है। यहां बसें आती नहीं शहर में कहीं से भी सवारी ले लेती हैं और कहीं भी उतार देती हैं। इसी सन्नाटे का परिणाम था कि तीन माह पूर्व वर्कशॉप में खड़ी तीन बसें खाक हो गईं, लेकिन जांच के नाम पर बस कोरम ही पूरा हुआ। काठगोदाम से आई जांच टीम ने उस समय काशीपुर रोडवेज परिसर के लिए पांच सीसीटीवी कैमरे, पांच फ्लड लाइटें तथा सुरक्षा गार्ड रखने के लिए परिवहन मुख्यालय से कहा था। कैमरे व लाइटें तो घटना के तीन दिनों के अंदर लग गईं, लेकिन सुरक्षा गार्ड आज तक नहीं रखा गया। ऐसे में रोडवेज की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। आरओबी बनने के पहले तो परिसर के अंदर एक पुलिस चैकी भी थी अब वह भी नहीं है। जब कोई घटना घटती है तो सूचना पर पुलिस आती है। जब तक आती है तब तक नशेड़ी मारपीट कर चुके होते हैं। यह एक दिन की बात नहीं है। ऐसी घटना आए दिन होती रहती है। महिलाओं का यहां से निकलना दुश्वार है। आस-पास की कॉलोनियों में भी नशा करने के बाद ये नशेड़ी छिनैती आदि की घटना को अंजाम देते रहते हैं। इस सब के बावजूद आज तक यहां सुरक्षा की कोई कारगर व्यवस्था क्यों नहीं की गई। सूत्रों के मुताबिक रोडवेज परिसर में नशेड़ियों का जमावड़ा रोज लगता है। प्रकरण में एआरएम अनिल कुमार सैनी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

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