हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। सम्भल रोड करूला दस सराय में 15-16 वर्ष पूर्व रोडवेज बस की जद मंे आकर एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गयी है। इस हादसे के बाद से ही भारी वाहनों को पंडित नगला बाईपास से गुजारे जाने का सिलसिला शुरू हुआ था। तब से कोहिनूर तिराहा से व सम्भल चैराहा से कोई भी भारी वाहन पुल पर जाने पर प्रतिबंध है परन्तु पिछले काफी समय से कटघर पुलिस की लापरवाही के चलते भारी भरकम ट्रक करूला से होते हुए पुल पर गुजर रहे हैं। रात्रि 9 बजे से ही कोहिनूर तिराहा से करूला होते हुए चैकी दस सराय पुलिस की आंखों के सामने से यह ट्रक पुल पार करते है। मगर न तो कोहिनूर तिराहा पर पुलिस इन्हें रोक रही है और न ही चैकी दस सराय पर मौजूद सिपाही इन्हें पुल पर जाने से रोकते है। नतीजतन किसी भी दिन इन भारी भरकम ट्रकों के कारण करूला क्षेत्रों में कोई भी हादसा घटित हो सकता है तब इसका जिम्मेदार कोन होगा?
इस संबंध में जब एक ट्रक चालक से पूछा गया कि पंडित नगला से जाने के बजाये इस प्रतिबंधित मार्ग पर ट्रक क्यूं ले जा रहे हो तो उसका कहना था कि पंडित नगला जाने में काफी ईंधन खर्च होता है जबकि कोहिनूर तिराहा पर मौजूद सिपाही को 20 रूपये देकर ही काम चल जाता है। इसलिए वह हमें यहां से गुजरने देता है। सूत्रों की मानें तो कोहिनूर तिराहा से करूला होते हुए सम्भल रोड पुल पार करने वाले ट्रक अधिकांश निर्यातकों के होते है। कई ट्रक चालक पंडित नंगला के लम्बे मार्ग से जाने में आनाकानी करते है।
इस वजह से निर्यातकों के रसूख के चलते वह सम्भल रोड पुल से गुजरते है। यहां बता दें कि कई बार सम्भल रोड पुल पर दोनो सिरों पर लोहे के मजबूत गार्डर लग चुके हैं मगर रात के अंधेरे में वह काटकर अलग रख दिये जाते हैं ताकि ट्रको को गुजरने में आसानी हो। देखने वाली बात यह है कि पुल के एक सिरे पर सम्भल चैराहे पर पुलिस पिकेट तैनात रहती है और दूसरे सिरे पर दस सराय पुलिस चैकी है। इसके बावजूद रात के अंधेरे में दोनो सिरों पर लगे लोहे के भारी भरकम मजबूत गार्डर कैसे कट जाते हैं यह सोचने वाली बात है। जिस दिन इन ट्रकों के कारण कोई हादसा होगा तो चैकी दस सराय पुलिस के पास अपने बचाव के लिए कोई मजबूत दलील नहीं होगी। इसलिए जुझारू कप्तान जे0 रवीन्द्र गौड़ को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। चैकी दस सराय पुलिस को निर्देश दें कि वह ऐसी व्यवस्था करें कि ट्रकों का करूला क्षेत्र की घनी आबादी से गुजर न हो सके और कोई भी अप्रिय घटना घटित न होने पाये। अन्यथा इसकी पूरी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ चैकी दस सराय पुलिस की होगी।