हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। पाॅलीथिन को लेकर पक्षपात पूर्ण रवैये से लोगों में नाराजगी है। खासतौर से दुकानदार इससे काफी त्रस्त हैं। उनका कहना है कि सरकार के फैसले का स्वागत है मगर प्रतिबंध पूर्ण रूप से लागू होना चाहिये। एक तरफ जहां दुकानदारों की दुकानों पर छापामारी कर उन्हें परेशान किया जा रहा है तो वहीं मल्टी नेशनल कम्पनियों के खाद्य पदार्थ पाॅलीथिन में खुलेआम बिक रहे हैं मगर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं। उन्हें भी कागज की थैली में पैक कराया जाना चाहिये। क्या पैकेट बंद वस्तुओं की पाॅलीथिन से नाले नालियां चैक नहीं होंगे?
महानगर के दुकानदारों का कहना है कि कुरकुरे, चिप्स, ब्रेड, नमकीन, साॅस व अन्य कई खाने पीने के पदार्थ जो कि कई नामी गिरामी कम्पनियों द्वारा निर्मित हैं।
यह बाजारों में खुलेआम नजर आ रहे हैं मगर इसके बावजूद नगर निगम की टीम का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि सरकार यह सौतेला व्यावहार क्यूं कर रही है। कुरकुरे, चिप्स, ब्रेड, बिस्किट, साॅस, नमकीन के अलावा कई ऐसे खाद्य पदार्थ है जो आज भी दुकानों पर 50 माइक्रोन से कम मोटाई की पाॅलीथिन में पैक है। इस पर कार्यवाही क्यूं नहीं हो रही। आखिर यह दोगलापन किसलिए। लोगों का आरोप है कि क्या पाॅलीथिन पर प्रतिबंध मल्टी नेशनल कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए तो नहीं है? अगर ऐसा नहीं है तो फिर कम्पनियों के खाद्य पदार्थ भी पाॅलीथिन से बाहर आने चाहिये। महानगर के दुकानदारों का कहना है कि पाॅलीथिन कोई सी भी हो जब प्रतिबंध है तो सभी पर होना चाहिये। कम्पनियों की पाॅलीथिन को छूट किसलिये।