हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। रमज़ान के चांद को लेकर बरेलवी व सुन्नी मसलक के लोग दो धड़ो में बंट गये थे और दोनो ने अलग अलग दिन चांद को मानते हुए रमज़ान के रोजे की शुरूआत की थी। शहर इमाम के ऐलान पर जहां देवबंद मसलक के लोगों ने 17 मई को पहला रोजा रखा था तो वहीं मदरसा जामिया नईमियां के मुफ्ती अय्यूब खां नईमी के फैसले पर अमल करते हुए बरेलवी मसलक के लोगों ने शुक्रवार 18 मई को पहला रोजा रखा।
गुरूवार को शहर के मुफ्तियों ने मदरसा जामिया नईमियां में एक बैठक की जिसमें कहा गया कि शहर इमाम या शाही इमाम को चांद या शरियत के मामलो में फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। शहर के मुफ्तियों ने इस मीटिंग के बाद मदरसा जामिया नईमियां के लेटर पैड पर ऐलान जारी करते हुए कहा कि अगर शुक्रवार को 29 का चांद नजर आता है तो शनिवार को ईद होगी और अगर शुक्रवार को चांद नहीं दिखा तो शनिवार को तीसवां रोजा होगा और ईद रविवार की होगी। उन्होनें कहा कि बाकी लोग किस बात पर अमल करते हैं इससे उन्हें कोई मतलब नहीं। शरियत में चांद देखकर रोजा रखने और चांद देखकर ईद मनाने पर जोर दिया गया है। उन्होनें कहा कि मुसलमान किसी के बहकावे में न आये।
मीटिंग में मुफ्ती-ए-आजम अय्यूब खां नईमी, मुफ्ती अब्दुल मन्नान कलीमी, मुफ्ती मौ0 रईस अशरफ और मुफ्ती मौ0 सुलेमान आदि मौजूद रहे।