संघ की शाखा में आए थे डॉ अंबेडकर, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सुनाया पूरा किस्सा
जब संघ की शाखा में आए थे डॉ अंबेडकर, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सुनाया पूरा किस्सा
मोहन भागवत ने बताया है कि 1934 में डॉ अंबेडकर महाराष्ट्र के कराड की एक संघ कि शाखा में आए थे। वहां पर उन्होंने कहा कि, कुछ बातों में हमारे मतभेद है, तो भी संघ को अपनत्व की भाव से में देखता हूं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। यहां कानपुर में उन्होंने नए कार्यालय का उद्घाटन किया। मोहन भागवत ने हिंदू समाज, भारतवर्ष समेत कई मुद्दों पर बात की। मोहन भागवत ने डॉ बीआर अंबेडकर से जुड़ा एक किस्सा भी बताया जब बीआर अंबेडकर संघ कि शाखा में आए थे। आइए जानते हैं इस पूरी घटना के बारे में।
संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- “भारतवर्ष अपना परंपरा से हिंदू समाज का घर है। इसलिए हिंदू समाज उसके लिए उत्तरदाई है। जो अपने आप को हिंदू कहता है, उनको इस देश के भले बुरे के बारे में पूछा जाएगा, जवाबदेही, उनकी बनती है। उस हिंदू समाज को तैयार होना चाहिए। उन्होंने कानपुर में नए कार्यालय के उद्घाटन के दौरान कहा कि आज उत्सव का वातावरण है। बहुत बार इस स्थान पर आया हूं, इतनी भीड़ नहीं देखी। संघ का काम केवल संघ का काम नहीं है। वास्तव में वो समाज का काम है। पूरे समाज को यह काम करना चाहिए। अपने स्वयं के लिए और अपने देश के लिए, संघ का काम सबको जोड़ने का है। संघ एक जीवन है संघ एक वातावरण है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कानपुर में ये भी बताया कि डॉ अंबेडकर एक बार संघ की शाखा में आए थे। भागवत ने कहा- “आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ एक स्टार्टर था। बाबा साहब का काम भी एक स्टार्टर था। संघ चाबी घूमने वाला स्टार्टर था तो बाबा साहब का किक वाला स्टार्टर था, क्योंकि हिंदू समाज सुन रहा रहा था। हिंदू समाज को इस विषमता से बाहर लाने के लिए उन्होंने पूरा जीवन व्यतीत किया, दीक्षा परिवर्तन भी किया। 1934 में डॉ अंबेडकर महाराष्ट्र के कराड की एक संघ की शाखा में आए थे। डॉ बाबासाहेब अंबेडकर संघ की शाखा में आए थे तो, उसका समाचार केसरी में छपा था। केसरी समाचार पत्र में तीन पंक्तियों में उनका वृतांत छपा था, जिसमें डॉक्टर अंबेडकर का शाखा पर जो भाषण हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा कि कुछ बातों में हमारे मतभेद हैं, तो भी संघ को अपनत्व की भाव से में देखता हूं।