ब्रिटिश PM कीर स्टार्मर की दिवाली पार्टी में परोसा मांसाहारी व्यंजन और शराब, हिंदुओं ने किया विरोध
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की ओर से आयोजित दिवाली पार्टी में मांसाहारी भोजन और शराब परोसे जाने से हिंदुओं का एक समूह नाराज हो गया है। हिंदुओं ने इस प्रकरण पर गहरी आपत्ति जताई है।
लंदन: ब्रिटेन में प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की दिवाली पार्टी में मांस और शराब परोसे जाने का आरोप है। इस वजह से हिंदू समुदाय ने गहरी आपत्ति जाहिर की है। बताया जा रहा है कि हिंदुओं ने ने लंदन स्थित 10 डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का कार्यालय और आधिकारिक आवास) में प्रधानमंत्री स्टॉर्मर की ओर से आयोजित दिवाली भोज में मेहमानों को कथित तौर पर मांसाहारी व्यंजन और शराब परोसे जाने पर आपत्ति जताई है।
सामुदायिक संगठन ‘इनसाइट यूके’ ने हिंदू त्योहार के आध्यात्मिक पहलू की ‘‘समझ की भयावह कमी’’ पर सवाल उठाया, जबकि अन्य लोगों ने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से पहले व्यापक संवाद करने की आवश्यकता होती है। ‘इनसाइट यूके’ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दिवाली सिर्फ त्योहार नहीं है, बल्कि इसके गहरे धार्मिक मायने भी हैं। दिवाली का पवित्र त्योहार पवित्रता और भक्ति पर जोर देता है। इसलिए दिवाली पर पारंपरिक रूप से शाकाहारी भोजन परोसा जाता है और शराब के सेवन से सख्त परहेज किया जाता है।’’ संगठन ने लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री की ओर से आयोजित दिवाली भोज के लिए जो व्यंजन चुने गए, वे अपने आप में दिवाली के त्योहार से जुड़ी धार्मिक परंपराओं के प्रति समझ या सम्मान की भयावह कमी को दर्शाते हैं।हिंदुओं ने उठाया मांसाहार परोसे जाने पर सवाल
हिंदू संगठनों ने कहा कि यह प्रासंगिक प्रश्न भी उठाता है कि क्या अधिक सांस्कृतिक संवेदनशीलता और समावेशिता के लिए हिंदू सामुदायिक संगठनों और धार्मिक नेताओं से विचार-विमर्श किया गया।’’ लेखक एवं धार्मिक वक्ता पंडित सतीश के शर्मा ने कहा, ‘‘किसी भी स्तर पर संवेदनशीलता और सरल परामर्श का पूर्ण अभाव बहुत चिंता का विषय है। अगर यह अनजाने में हुआ है, तो भी निराशाजनक है।’’ कुछ ब्रिटिश हिंदू समूहों ने इस समारोह का निमंत्रण न मिलने की शिकायत की है, जो 10 डाउनिंग स्ट्रीट में वर्षों से आयोजित किया जा रहा है।
आखिरी बार ब्रिटेन के पहले ब्रिटिश-हिंदू प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसका आयोजन किया था। हालांकि, 10 डाउनिंग स्ट्रीट ने 29 अक्टूबर को आयोजित भोज को लेकर हुए विवाद पर टिप्पणी नहीं की है। सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि भोज में कई समुदायों को आमंत्रित किया गया था और इसमें सिख समारोह बंदी छोड़ दिवस भी मनाया गया था।