एजेंसी समाचार
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में 18 मई को एक तेज रफ्तार पोर्श कार ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। टक्कर में दो बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई। इस मामले में जिस तरह से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को केवल निबंध लिखने का आदेश देकर छोड़ दिया। उससे पूरे देश में सवाल खड़े होने लगे। जब मामले ने तूल पकड़ा तो ताबड़तोड़ एक्शन होने लगे। अब इस मामले में नाबालिग रईसजादे को आज यानी बुधवार को अदालत के सामने पेश किया गया। यहां कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी और उसे बाल सुधार गृह भेजने के निर्देश दिए।
इस बीच पुणे की एक सत्र अदालत ने एक कार दुर्घटना में शामिल 17 वर्षीय नाबालिग के पिता और एक पब के दो कर्मियों को बुधवार को 24 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया। नाबालिग लड़के के पिता और ब्लैक कब पब के कर्मी नितेश शेवाणी व जयेश गावकर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.पी. पोंखसे के सामने पेश किया गया। नाबालिग लड़के के पिता एक रियल एस्टेट कारोबारी हैं।