नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के इटावा में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह यादव को याद किया। इसके साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव शिवपाल यादव पर चुटकी भी ली।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं जब इस इलाके में आया हूं, तो मुझे 2019 के चुनाव के पहले की बात याद आ रही है। जब संसद का सत्र चल रहा था और संसद में स्वर्गीय मुलायम सिंह भाषण देने के लिए खड़े हुए। मुलायम सिंह ने 2019 लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले संसद में कहा था और एक प्रकार से मेरे लिए वो आशीर्वाद बन गया कि मोदी जी आप तो दोबारा जीतकर आने वाले हैं। नेता जी हमारे बीच नहीं हैं।
पीएम मोदी ने आगे शिवपाल यादव का बिना नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि लेकिन, संयोग देखिए उनके सगे भाई भाजपा को जिताने की अपील कर रहे हैं। उनके दिल की बात ज़ुबान पर आ ही गई।
दरअसल, शिवपाल सिंह यादव की जसवंत नगर में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जुबान फिसल गई थी और उन्होंने मंच से लोगों से भाजपा को अच्छे मार्जिन से जिताने की अपील कर दी। इस दौरान उनके साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद रहे।
इटावा में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने आगे कहा कि कौन जानता है कि 2047 में आपका बेटा-बेटी ही मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बने। शाही परिवार का वारिस ही मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री बने, यह कुप्रथा को इस चाय वाले ने तोड़ दिया है। हमारे यहां राजाराम मोहन राय का नाम आता है कि उन्होंने फलाना कुप्रथा तोड़ दी। वैसे ही कभी आएगा देश में एक प्रधानमंत्री होते थे, चाय वाले थे और उन्होंने ऐसी कुप्रथा को तोड़ दिया। गरीब का बेटा भी मुख्यमंत्री और गरीब का बेटा भी प्रधानमंत्री बन सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि सपा-कांग्रेस की खोटी नीयत का हिसाब बहुत लंबा है। पांच साल पहले कांग्रेस का शाही परिवार चुनाव के समय मंदिर-मंदिर घूम रहा था। कांग्रेस के शहजादे ने तो कोट के ऊपर जनेऊ पहन लिया था। लेकिन, इस बार मंदिर के दर्शन बंद हैं, कोट के बाहर टंगा जनेऊ भी उतर गया। इतना ही नहीं 500 साल बाद एक ऐतिहासिक पल आया, पूरा देश भव्य राम मंदिर बनने से खुश हुआ। लेकिन, इन्होंने प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भी ठुकरा दिया।
उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस की बातें झूठी, वादे भी झूठे हैं। सपा-कांग्रेस के नारे झूठे और नीयत में भी खोट है। ये लोग लगातार झूठ बोलेंगे, उससे चाहे देश का, समाज का कितना ही नुकसान क्यों न हो। इन लोगों ने देश को कोरोना के संकटकाल में भी नहीं छोड़ा था। मोदी तब एक-एक जीवन बचाने में जुटा था। देश के वैज्ञानिकों ने टीका बनाया, लेकिन सपा के, कांग्रेस के लोग उसे भी बदनाम करते थे। खुद चोरी-चुपके टीके लगवाते थे, लेकिन टीवी पर लोगों को भड़काते थे, ताकि हाहाकार फैले और पाप मोदी के माथे पर लगे।