कछुए भी सुरक्षित नहीं! प्रयागराज में पुलिस ने 740 से ज्यादा कछुओं को बरामद किया, 3 तस्करों को दबोचा
यूपी के प्रयागराज में कछुआ तस्कर पकड़े गए हैं। इनके पास से 741 कछुए बरामद किए गए हैं। एसटीएफ की जिला इकाई ने ये कार्रवाई की है। पूछताछ में पता चला कि इन कछुओं के मांस और कैलिपी (झिल्ली) को सुखाकर शक्तिवर्धक दवा बनाई जाती है।
पुलिस ने 740 से ज्यादा कछुओं को बरामद किया
प्रयागराज: जानवरों की तस्करी करने वालों पर नकेल कसना पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होता है। तस्कर ऐसे जानवरों की तस्करी करते हैं, जो उन्हें ऊंची कीमत देकर जाते हैं। एसटीएफ की जिला इकाई ने नवाबगंज थाना क्षेत्र में दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की तस्करी करने वाले गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 741 कछुए बरामद किए
पुलिस उपाधीक्षक (एसटीएफ) नवेंदु कुमार ने बताया है कि एसटीएफ और थाना नवाबगंज पुलिस की टीम ने मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार की रात घेराबंदी कर नवाबगंज टोल प्लाजा पर कछुओं की तस्करी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों की पहचान अमेठी जिले के रहने वाले शनि, सूरज और रायबरेली जिले के रहने वाले आदर्श सिंह के तौर पर की गयी है।
741 कछुए मिले
तस्करों के पास से दुर्लभ प्रजाति के 741 कछुए बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पूछताछ में पता चला कि इन कछुओं के मांस और कैलिपी (झिल्ली) को सुखाकर शक्तिवर्धक दवा बनाई जाती है। कछुओं को धान और भूसी के बीच 27 बोरियों में छिपाया गया था। पूछताछ में इन तस्करों ने बताया कि इन कछुओं को इन्होंने अमेठी के जगदीशपुर में सलमान, अकबर और फूल मोहम्मद से प्राप्त किया था और इसे लेकर वे पश्चिम बंगाल जा रहे थे, जहां स्थानीय तस्करों से संपर्क कर इन्हें ऊचें दामों पर बेच दिया जाता।