आतंकवाद के खिलाफ 13 दिन सैन्य युद्धाभ्यास करेंगे भारत और कजाखस्तान, जेलेंगे चीन-तुर्की और पाकिस्तान
भारत और कजाखस्तान की सेनाएं 13 दिनों का मैराथन युद्धाभ्यास करने जा रही हैं। यह युद्धाभ्यास आतंकरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। भारत और कजाखस्तान के रिश्तों में मजबूती आते देख दुश्मन चीन, पाकिस्तान और तुर्की परेशान हो उठे हैं।
आतंकवाद के खिलाफ भारत और कजाखस्तान की सेनाएं 13 दिनों का बड़ा सैन्य युद्धाभ्यास करने जा रही हैं। इसे देखकर पाकिस्तान, तुर्की और चीन हैरान हो गए हैं। कजाखस्तान और भारत के संबंध पिछले कुछ वर्षों में काफी मजबूत हुए हैं। यह संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचने वाले हैं। भारत और कजाखस्तान सोमवार से ओटार के कजाख सैन्य अड्डे पर 13 दिवसीय युद्धाभ्यास शुरू करेंगे, जिसका उद्देश्य आतंकवाद-रोधी सहयोग बढ़ाना है। ‘काजिंद-2023’ सैन्य अभ्यास के सातवें संस्करण में भाग लेने के लिए थलसेना और वायुसेना के 120 कर्मियों का भारतीय दल रविवार को कजाखस्तान के लिए रवाना हो गया।रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘अभ्यास के इस संस्करण में दोनों पक्ष संयुक्त राष्ट्र के प्रावधान के तहत गैर-परंपरागत माहौल में आतंकवाद-रोधी अभियानों के संचालन का अभ्यास करेंगे।’’ मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष ‘‘खोजबीन और नष्ट करने के अभियान, छोटी टीम के अभियान आदि’’ समेत विभिन्न सामरिक अभ्यास करेंगे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अभ्यास काजिंद-2023 दोनों पक्षों को एक-दूसरे की रणनीति, युद्धाभ्यास और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी हासिल करने का अवसर प्रदान करेगा।युद्धाभ्यास में भारतीय डोगरा रेजिमेंट भी होगा शामिल
’’ बयान में कहा गया है कि इस संयुक्त प्रशिक्षण से उपनगरीय और शहरी परिवेश में सैन्य अभियान के लिए आवश्यक कौशल और समन्वय विकसित होगा। इसमें कहा गया है,‘‘दोनों पक्षों को एक-दूसरे से पारस्परिक रूप से सीखने का अवसर मिलेगा।’’ भारतीय सेना के दल में डोगरा रेजिमेंट की एक बटालियन के नेतृत्व में 90 जवान शामिल हैं। कजाखस्तान दल का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से ‘कजाख ग्राउंड फोर्सेज’ की दक्षिण क्षेत्रीय कमान के जवानों द्वारा किया जाएगा। इस अभ्यास में दोनों देशों की वायुसेनाओं के 30-30 कर्मी भी हिस्सा लेंगे