दिल्ली में अधिकारियों पर नियंत्रण वाले केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी कांग्रेस, आप सांसद ने कही ये बात
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली अगली एकता बैठक में भाग लेने के लिए शीर्ष विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया है।
दिल्ली में अधिकारियों पर नियंत्रण अध्यादेश का विरोध करेगी कांग्रेस
नई दिल्ली: कर्नाटक के बेंगलुरु में सोमवार को विपक्ष की दूसरी बैठक हो रही है। इस बैठक में 25 से अधिक पार्टियों के शामिल होने की संभावना है। इस बैठक में आम आदमी पार्टी के तरफ से राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शामिल होने की संभावना है। इस बैठक से पहले कांग्रेस पार्टी ने बड़ी घोषणा की है। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि पार्टी दिल्ली में अधिकारियों पर नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी। इसके बाद आप आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने इसे एक सकारात्मक विकास कहा है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेंगे। हमारा रुख बहुत स्पष्ट है, हम दिल्ली अध्यादेश का समर्थन नहीं करने जा रहे हैं। कल विपक्ष की बैठक बेंगलुरु में होने वाली हैं और इस बैठक में शायद केजरीवाल शामिल होंगे। हालांकि, इससे पहले आम आदमी पार्टी ने आज शाम चार बजे राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में तय होगा कि पार्टी बेंगलुरु में होने वाली बैठक में शामिल होगी या नहीं।
बात दें कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्ष एक साथ होकर चुनाव लड़ना चाह रहा है। इसके लिए पहल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुरू की और 23 जून को इससे जुड़ी बैठक पटना में हुई थी। अब अगली बैठक 17 और 18 जुलाई को कर्नाटक के बेंगलुरु में होने वाली है। इस बैठक के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कई विपक्षी दलों के नेताओं को निमंत्रण पत्र भी भेजा है। खरगे ने अपने निमंत्रण पत्र में कहा, “बैठक एक बड़ी सफलता थी क्योंकि हम हमारी लोकतांत्रिक राजनीति को खतरे में डालने वाले विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने में सक्षम थे और अगला आम चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सर्वसम्मति से सहमत हुए।” कांग्रेस अध्यक्ष ने नेताओं को आगे याद दिलाया कि हम जुलाई में फिर से मिलने पर सहमत हुए हैं।