नयी दिल्ली : उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ व्यापार समझौता थोड़े ही समय में दोनों भारत के साथ यूएई के आर्थिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है।
इस समझौते के बाद एक साल में पारस्परिक व्यापार में 20 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी है।
सिंह भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सेपा) की पहली वर्ष गांठ के उपलक्ष्य में अबूधाबी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थनी बिन अहमद अल जेओऊदी भी शामिल थे। श्री सिंह ने इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि नयी लीक बनाने वाला यह समझौता केवल 88 दिन की बात चीत में तय कर लिया गया था।
भारत के लिए यह खाड़ी क्षेत्र के किसी देश के साथ किया गया पहला सेपा है जबकि यूएई ने किसी देश के साथ पहली बार ऐसा समझौता किया है। इस समझौते के बाद द्विपक्षीय व्यापार में पहले साल ही 20 प्रतिशत का जोरदार उछाल आया है। वर्ष 2022-23 में यूएई को भारत का निर्यात 12 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ 31.3 अरब डालर तक पहुंच गया।
व्यापार समझौते की पहली वर्षगांठ पर अबूधावी में आज आयोजित वार्षिक निवेश सम्मेलन के दौरान श्री सिंह ने केरल मंडप का उद्घाटन किया।उन्होंने वहां दुबई इन्वेटमेंट (निवेश) अथारिटी और भारत में यूएई के सबसे बड़े निवेशक मुबादला के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें की।
श्री सिंह ने वहां की कंपनियों को भारत में नए क्षेत्र में निवेश के अवसरों की पहचान करने को आमंत्रित किया।
यूएई इस समय भारत में सातवां सबसे बड़ा निवेशक है। उसकी कंपनियों का भारत में निवेश 18 अरब डालर के स्तर पर पहुंच चुका है।
श्री सिंह कल दुबई में एक अंतरराष्ट्रीय आभूषण प्रदर्शनी केंद्र का उद्घाटन करेंगे और भारत की रत्न-आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा व्यापारियों के पारस्परिक मेल-जोल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में भारत और यूएई की करीब एक सौ कंपनियों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
श्री सिंह ने अभी पिछले महीने ही डीपीआईआईटी विभाग के सचिव का पद संभाला है और उसके बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि श्री सिंह की यह यात्रा इस बात को दर्शाती है कि भारत यूएई के साथ सबंधों को कितना महत्व देता है।