प्रयागराज में दुस्साहसिक वारदात : हत्याकांड की पहले ही रची जा चुकी थी साजिश, पुलिस को नहीं लगी भनक

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प्रयागराज
कॉल्विन अस्पताल के बाहर अतीक व अशरफ की हत्या की साजिश बदमाशों ने पहले से ही तैयार कर ली थी। उन्हें पता था कि अतीक व अशरफ को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया जाना है, इसलिए वे मीडियाकर्मी के रूप में वहां खड़े थे।

कॉल्विन अस्पताल के बाहर अतीक व अशरफ की हत्या की साजिश बदमाशों ने पहले से ही तैयार कर ली थी। उन्हें पता था कि अतीक व अशरफ को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया जाना है, इसलिए वे मीडियाकर्मी के रूप में वहां खड़े थे। खास बात यह है कि पुलिस को हत्या की साजिश रचे जाने की भनक तक नहीं लगी। हमलावरों ने अतीक व अशरफ के साथ में रहे पुलिसकर्मियों को संभलने तक का मौका नहीं दिया और वारदात को अंजाम दे डाला।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मेडिकल जांच के लिए शनिवार रात लगभग साढ़े दस बजे के बाद अतीक को रूटीन मेडिकल जांच के लिए पुलिस की दो गाडि़यों के साथ कॉल्विन अस्पताल लाया गया। आगे की गाड़ी में दो-तीन पुलिस कर्मी, जबकि पीछे की गाड़ी में लगभग छह पुलिसकर्मी थे। अतीक व अशरफ को आगे की गाड़ी से उतारकर पुलिसकर्मी अस्पताल ले जाने लगे। गेट के पास पहले से ही बाइक पर तीन बदमाश मीडियाकर्मी बनकर खड़े हुए थे।
इस दौरान मरीजों व तीमारदारों का भी आना-जाना लगा हुआ था। बदमाश हाथ में वीडियो कैमरा व फेक आईडी भी लिए हुए थे। बदमाशों को अस्पताल पहुंचने की पहले से ही सूचना थी। इस दौरान कुछ मीडिया कर्मियों ने अतीक व अशरफ से बातचीत करनी शुरू की। तभी मीडियाकर्मियों के पीछे खड़े बदमाशों ने अचानक पिस्टल से फायरिंग करनी शुरू कर दी। उन्होंने अतीक के सिर में गोलियां मारीं,जबकि अशरफ की पसलियों में गोलियां लगीं।

घटना से अस्पताल में भगदड़ मच गई। तीमारदार, मीडियाकर्मी भाग खड़े हुए। अचानक गोलियां चलने से पुलिसकर्मी भी जान बचाकर भागने लगे। तब तक अशरफ और अतीक बुरी तरह लहूलुहान होकर गिर पड़े थे। हत्याकांड के बाद हमलावरों ने सरेंडर कर दिया। तीनों हमलावरों की उम्र 20 से 25 साल के बीच बताई जा रही है।

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