यूपी नगर निकाय चुनाव 2023: सब ठीक रहा तो अप्रैल में जारी होगी अधिसूचना, मई में डाले जाएंगे वोट
यूपी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी है और अब अगर सब ठीक रहा तो अप्रैल में चुनाव की अधिसूचना जारी होगी और मई में वोटिंग होगी।
यूपी नगर निकाय चुनाव: योगी सरकार ने नगर निकाय चुनाव में पिछड़ी जातियों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उत्तर प्रदेश राज्य समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी है और अब कोर्ट इस प्रकरण पर जल्द ही सुनवाई कर अपना फैसला देगा, जिसके आधार पर सरकार नगर निकाय चुनाव के लिए आगे का रास्ता तय करेगी। अगर सब ठीक रहा तो नगर निकाय चुनाव के लिए अप्रैल में अधिसूचना जारी की जाएगी और मई में वोटिंग होगी। सूत्रों का कहना है कि कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक ही नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने की प्रक्रिया तय की जाएगी।
राज्य सरकार के निकाय चुनाव में पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों की जारी सूची पर विवाद होने के बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को पिछड़ा वर्ग का आयोग गठन करके निकाय चुनाव में पिछड़ों को दिए गए आरक्षण की रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था। इसके लिए कोर्ट ने आयोग को 31 मार्च तक की समयसीमा तय की थी। राज्य सरकार के गठित आयोग ने तय समय सीमा से करीब 22 दिन पहले अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। सरकार ने अब रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी देने के बाद उसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है।
अब इस प्रकरण पर सुनवाई के लिए राज्य सरकार की तरफ से फैसले की तारीख देने का अनुरोध किया गया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखा जाएगा कि इस रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी की प्रक्रिया तय करते हुए उनके लिए सीटें आरक्षित करने और चुनाव कराने की अनुमति दी जाए।
निकाय चुनाव की तैयारी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद भी तैयारियों को पूरा करने में कम से कम 20 से 25 दिन लेगेंगे। ऐसे में कहा जा रहा है कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए प्रस्ताव भेजने की तैयारी है। जिससे मई में चुनाव संपन्न कराया जा सके।