पूरब में उदय ना हुआ जेलेंस्की के संघर्ष का “सूर्य” तो पश्चिम में अस्त हो सकता है यूक्रेन, रूसी सेना हो रही हावी

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पूरब में उदय ना हुआ जेलेंस्की के संघर्ष का “सूर्य” तो पश्चिम में अस्त हो सकता है यूक्रेन, रूसी सेना हो रही हावी
अमेरिकी और यूरोपीय हथियारों के दम पर यूक्रेन ने करीब 1 वर्ष से रूस को जीत की दहलीज तक पहुंचने से रोक तो रखा है, लेकिन अब उसके लिए एक-एक दिन भारी पड़ रहे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच इस वक्त पूर्वी क्षेत्र में भीषण संघर्ष का दौर चल रहा है।
अमेरिकी और यूरोपीय हथियारों के दम पर यूक्रेन ने करीब 1 वर्ष से रूस को जीत की दहलीज तक पहुंचने से रोक तो रखा है, लेकिन अब उसके लिए एक-एक दिन भारी पड़ रहे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच इस वक्त पूर्वी क्षेत्र में भीषण संघर्ष का दौर चल रहा है। रूसी सेना यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्रों पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही है, जबकि यूक्रेनी सैनिक उन्हें रोक रहे हैं। यूक्रेन का पूर्वी क्षेत्र रणनीतिक रूप से अति महत्वपूर्ण है। इसलिए पुतिन की सेना की नजर यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्रों पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने पर है। जबकि यूक्रेन इस क्षेत्र को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहा है। यदि यूक्रेन का संघर्ष इस क्षेत्र में जरा भी कमजोर पड़ा तो वह सिर्फ पूर्वी क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि यूक्रेन के अन्य शहरों में भी रूस को बढ़त बनाने का मौका दे सकता है।
इस खतरे को भांपने के बाद यूक्रेन ने युद्ध के नये मैदान को लेकर तैयारी तेज कर दी है, क्योंकि इसका पूर्वोत्तर मोर्चा भावी युद्ध की दिशा तय कर सकता है। यूक्रेनी सेना को लेकर एक टैंक तेजी से एक लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है, सैनिक नीचे उतरते हैं और ग्रेनेड फेंकने के साथ अंधाधुंध मशीन गन से गोलीबारी करते हैं। इसके बाद वे इस काम को बार-बार दोहराते हैं और हर दोहराव के साथ उनकी गति तेज होती जाती है। यह एक सैन्य अभ्यास की झांकी भर है, लेकिन असली युद्ध की गूंज महज 7 किलोमीटर दूर सुनी जा सकती है। यह दैनिक प्रशिक्षण यूक्रेन के पूर्वोत्तर मोर्चे पर उच्च जोखिम को रेखांकित करता है, जहां सैन्य अधिकारियों के मुताबिक एक बहुप्रतीक्षित रूसी हमला पहले ही शुरू हो चुका है। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक इस मोर्चे पर लड़ाई युद्ध के अगले चरण का निर्धारण कर सकती है। यहां समय बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए गति और सामंजस्य को सुनिश्चित करना इस अभ्यास का लक्ष्य है, जिसमें रिजर्व टैंक और हमला करने वाली सैन्य इकाई शामिल है।खारकीव और कुपियांस्क प्रांत समेत डोनाबास पर कब्जा चाहता है रूस
टैंक आयरन ब्रिगेड के कमांडर कर्नल पेट्रो स्काईबा ने कहा, ‘‘यूक्रेनी रक्षा पंक्ति की तरफ रूसी हमले को रोकने के लिए तालमेल महत्वपूर्ण होगा।’’ कुपियांस्क के आसपास के इलाकों में हाल के हफ्तों में तोपखाने की लड़ाई में तेजी आई है। कुपियांस्क खारकीव प्रांत के पूर्वी किनारे पर स्थित रणनीतिक रूप से एक अहम शहर है जो ओस्किल नदी के किनारे बसा है। रूसी हमले उस बढ़ते सैन्य दबाव का हिस्सा हैं जिसका मकसद डोनबास के रूप में जाने जाने वाले समग्र औद्योगिक क्षेत्र पर कब्जा करना है।
दोनेत्सक और लुहांस्क हैं डोनाबास के हिस्से
डोनबास के तहत दोनेत्सक और लुहांस्क प्रांत आते हैं। युद्ध के दूसरे साल में प्रवेश करने के साथ ही क्रेमलिन को इस क्षेत्र में विजय की सख्त दरकार है। कुपियांस्क में सफलता दोनों पक्षों के लिए भावी हमले की दिशा तय कर सकती है। यदि रूस यूक्रेनी सेना को नदी के पश्चिम की तरफ धकलने में सफल रहता है, तो सुदूर दक्षिण में अहम हमले की राह को साफ कर देगा जहां लुहांस्क और दोनेत्सक की प्रशासनिक सीमाएं मिलती हैं। यदि यूक्रेनी सेना पकड़ बनाए रहती है, तो यह रूस की कमजोरी को उजागर कर सकता है। खारकीव सैन्य प्रशासन के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल दिमित्रो क्रासीलिनकोव ने कहा, ‘‘दुश्मन लगातार अपने प्रयास तेज कर रहा है। लेकिन वहां हमारी सेनाएं भी अपने प्रयास तेज कर रही हैं।

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