दिल्ली और आसपास के इलाकों में महसूस किए गए भूकंप के झटके, कश्मीर में भी हिली धरती, जानें रिक्टर पैमाने पर कितनी थी तीव्रता
जम्मू कश्मीर, दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। कश्मीर में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6 मापी गई है। इसका केंद्र हिंदू कुश क्षेत्र, अफगानिस्तान बताया जा रहा है।
कश्मीर, दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इसके अलावा कश्मीर में भी धरती हिली है। कश्मीर में आए भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6 मापी गई है। कश्मीर में आए भूकंप का केंद्र हिंदू कुश क्षेत्र, अफगानिस्तान बताया जा रहा है। ये भूकंप इतना तेज था कि पाकिस्तान के लाहौर और इस्लामाबाद समेत कई शहरों में भी झटके महसूस किए गए हैं।
दिल्ली-एनसीआर में 7 बजकर 56 मिनट पर ये भूकंप के झटके महसूस हुए। जिसके बाद लोग अपने घरों के बाहर निकल आए और मैदान में जमा हो गए। भूकंप की वजह से लोगों के बीच डर का माहौल है लेकिन अभी तक किसी अनहोनी की खबर सामने नहीं आई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं।
दिल्ली में पहले भी आया था भूकंप
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, इससे पहले रविवार (नए साल की रात) तड़के दिल्ली-एनसीआर में रिक्टर पैमाने पर 3.8 तीव्रता का भूकंप आया था। NCS देश में भूकंप गतिविधि की निगरानी के लिए भारत सरकार की नोडल एजेंसी है।
हर साल दुनिया में आते हैं करीब 20 हजार भूकंप
हर साल दुनिया में करीब 20 हजार भूकंप आते हैं लेकिन उनकी तीव्रता इतनी ज्यादा नहीं होती कि लोगों को भारी नुकसान हो। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर इन भूकंप को रिकॉर्ड करता है। जानकारी के मुताबिक, 20 हजार में से केवल 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान होता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप हिंद महासागर में 2004 में आया था। ये भूकंप 10 मिनट तक महसूस किया गया था।
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा कैसे लगा सकते हैं?
0 से 1.9 सीज्मोग्राफ से मिलती है जानकारी
2 से 2.9 बहुत कम कंपन पता चलता है
3 से 3.9 ऐसा लगेगा कि कोई भारी वाहन पास से गुजर गया
4 से 4.9 घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है
5 से 5.9 भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है
6 से 6.9 इमारत का बेस दरक सकता है
7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं
8 से 8.9 सुनामी का खतरा, ज्यादा तबाही
9 या ज्यादा सबसे भीषण तबाही, धरती का कंपन साफ महसूस होगा