महापरिनिर्वाण दिवस: संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, उनके ये 10 अनमोल विचार आज भी देते हैं प्रेरणा
संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर की आज पुण्यतिथि है। जिसे देश में महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उनका निधन 6 दिसंबर, साल 1956 में दिल्ली में हुआ था। संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर
आज यानी मंगलवार को महापरिनिर्वाण दिवस पर संविधान निर्माता और भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को पूरा देश याद कर रहा है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की है। बाबा साहेब आंबेडकर की पुण्यतिथि हर साल छह दिसंबर को मनाई जाती है। इसे महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। बाबा साहेब आंबेडकर का निधन छह दिसंबर, 1956 को नई दिल्ली में हुआ था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘महापरिनिर्वाण दिवस पर मैं डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हमारे राष्ट्र के लिए उनकी अनुकरणीय सेवा को याद करता हूं। उनके संघर्षों ने लाखों लोगों को उम्मीद दी। भारत को इतना व्यापक संविधान देने के उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।’ इस मौके पर हम आंबेडकर के उन अनमोल विचारों को जान लेते हैं, जो आज भी युवाओं को प्रेरणा देते हैं। जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए। धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए। मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।अगर हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।हिंदू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
इतिहास बताता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है, वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है।
बुद्धि का विकास मानव का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। वे इतिहास नहीं बना सकते, जो इतिहास भूल जाते हैं।
समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।
अगर मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिए बेमानी है। मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं, जो महिलाओं ने हासिल की है।