दिसंबर अंत तक बनेगी शहरों की नई सरकार, राजनीतिक दल इसलिए चाहते हैं कुछ देरी

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एजेंसी समाचार
लखनऊ। प्रदेश में शहरों की सरकार चुनने के लिए 763 नगर निकायों के चुनाव मैनपुरी लोकसभा, रामपुर और खतौली विधानसभा उप चुनाव और गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद ही कराए जाएंगे। नगर विकास विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव में प्रशासन व पुलिस के पर्याप्त इंतजाम व अन्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक चुनाव कराने का विचार किया है।
प्रदेश में 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 546 नगर पंचायतों में चुनाव होना है। अभी मैनपुरी लोकसभा, खतौली और रामपुर विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होने हैं। गुजरात में भी विधानसभा चुनाव चल रहे है। सभी राजनीतिक दल इन चुनावों में व्यस्त हैं। गुजरात चुनाव और प्रदेश के उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को मतगणना होगी। सूत्रों के मुताबिक राजनीतिक दल चाहते हैं कि गुजरात चुनाव और उप चुनाव के बाद ही निकाय चुनाव कराए जाएं ताकि उन्हें पर्याप्त समय मिल सके।
ताकि अनुपूरक बजट से आचार संहिता प्रभावित न हो
विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से होगा। इस सत्र में सरकार अनुपूरक बजट भी लाएगी। इसमें सरकार कुछ नई योजनाओं के लिए बजट की घोषणा कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक यदि अनुपूरक बजट से पहले निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई तो बजट घोषणा से आचार संहिता प्रभावित होगी। लिहाजा आयोग और शासन के स्तर पर शीतकालीन सत्र के बाद ही निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर सैद्धांतिक सहमति बनी है।
दिसंबर के पहले सप्ताह में होगा आरक्षण निर्धारण
नगर पंचायत एवं नगर पालिका परिषद में सभासद एवं चेयरमैन, नगर निगम में पार्षद और महापौर के लिए आरक्षण का निर्धारण दिसंबर के पहले सप्ताह तक होगा। सूत्रों के अनुसार नवंबर के अंतिम सप्ताह में आरक्षण का प्रारूप जारी कर उस पर आपत्तियां मांगी जाएगी। दिसंबर के पहले सप्ताह तक आपत्तियों का निस्तराण कर आरक्षण जारी किया जाएगा।

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