बदलते मौसम में बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है दादी-नानी के नुस्खे, दो दिन में दिखेगा असर!
नवंबर को शिशु संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिशु और उसके स्वास्थ्य की देखभाल बहुत जरूरी है। खासकर बदलते मौसम में होने वाले संक्रमण से उन्हें बचाना जरूरी होता है। लोगों में शिशु सरंक्षण को लेकर जागरुकता पैदा करने के लिए ही इस दिन को मनाया जाता है।
शिशु भविष्य के नागरिक हैं, उनसे एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण होगा। इसलिए शिशु सुरक्षा और संरक्षण एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। नवजात शिशुओं की उचित देखभाल कर उनके जीवन की रक्षा करने के उद्देश्य से हर साल 07 नवंबर के दिन को दुनियाभर में शिशु संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिशु संरक्षण विशेषकर जन्म से लेकर एक वर्ष तक के बच्चों को किसी भी संक्रमण या बीमारी के कारण होने वाली मृत्यु से बचाना होता है। खासकर बदलते मौसम में शिशुओं में संक्रमण और एलर्जी का खतरा काफी बढ़ जाता है। इससे उन्हें खांसी, जुकाम, बुखार, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं होती है।
क्यों मनाया जाता है शिशु सुरक्षा दिवस
विश्वभर में नवजात शिशुओं की उचित देखभाल न होने के कारण प्रतिवर्ष कई नवजात की मौत हो जाती है। भारत में भी कई कार्यक्रम और योजनाओं को जनहित में लागू कर शिशुओं के मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। लेकिन बढ़ती जनसंख्या और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव व लोगों में जागरुकता की कमी के कारण इसमें कमी नहीं आई। शिशु सुरक्षा दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य शिशुओं की सुरक्षा से संबंधित जागरुकता को फैलाना और उनके जीवन की रक्षा करना है।
ठंड की शुरुआत हो चुकी है और बदलते मौसम का प्रभाव छोटे बच्चों पर सबसे जल्दी पड़ता है। खासकर खांसी-जुकाम उन्हें जल्दी हो जाते हैं। भारत में छोटे बच्चों को खांसी-जुकाम होने पर घर की बड़ी यानी दादी-नानी का तजुर्बा और सलाह ही काम आते हैं। दादी-नानी के घरेलू उपचारों से मौसम में बदलाव के साथ होने वाली बीमारियों को दूर करने में कारगर होते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे दादी-नानी के कुछ ऐसे ही घरेलू नुस्खे के बारे में।
दादी-नानी के घरेलू नुस्खे
आंवला- आंवला में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जोकि शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता है। इससे बीमारियां दूर रहती है। आंवले का चूरा बनाकर या पानी में उबालकर बच्चों को देने से आराम मिलता है।
गर्म पानी- छोटे बच्चों को वैसे तो हमेशा ही हल्का गुनगुना पानी ही पिलाना चाहिए। खासकर ठंड के मौसम में। इससे जुकाम से आराम मिलता है और गले में जमे हुए कफ से छुटकारा मिलता है। खांसी और जमे हुए कफ से राहत के लिए गर्म पानी रामबण उपचार है।
लहसुन और सरसों तेल- ठंड में बच्चों को सर्दी जुकाम जल्दी हो जाती है। ऐसे में सरसों के तेल में लहसुन की कली को बिना छिलका उतारे ही भून लें। फिर इस तेल से बच्चे की मालिश करें।
अदरक और शहद- खांसी-जुकाम से राहत के लिए एक छोटे चम्मच में अदरक के रस की कुछ बूंदे और थोड़ा शहद मिलाकर बच्चे को पिलाएं। इससे आराम मिलेगा।
अजवाइन और सरसों तेल- सर्दी-खांसी से छुटकारा के लिए सरसों तेल में अजवाइन डालकर गर्म करें औऱ फिर छान लें। ठंडा होने के बाद इस तेल से बच्चे की मालिश करें।