योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब वक्फ बोर्ड की संपत्ति की होगी जांच

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योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब वक्फ बोर्ड की संपत्ति की होगी जांच
सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में एक महीने के अंदर वक्फ बोर्ड की संपत्ति की जांच होगी। इसी कड़ी में शासन ने सभी कमिश्नर और डीएम को पत्र लिख दिया है।
वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे चल रहे हैंअवैध कब्जे की जांच के लिए लिया गया ये फैसलाइस आदेश पर भी खड़ा हो सकता है बखेड़ा
यूपी में मदरसों के सर्वे को लेकर विवाद थमा नहीं था कि इस बीच यूपी सरकार ने एक और बड़ा फैसला ले लिया है। योगी सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच के आदेश दे दिए हैं। सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में एक महीने के अंदर वक्फ बोर्ड की संपत्ति की जांच होगी। इसी कड़ी में शासन ने सभी कमिश्नर और डीएम को पत्र लिख दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकार को ऐसे इनपुट मिले हैं कि वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे चल रहे हैं, ऐसे में उसी की जांच के लिए ये फैसला लिया गया है।
इस आदेश पर भी खड़ा हो सकता है बखेड़ा
हालांकि, अभी तक वक्फ बोर्ड की तरफ से सरकार के इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, चूंकि अभी मदरसों के सर्वे को लेकर बवाल चल रहा है, ऐसे में इस आदेश पर भी बखेड़ा खड़ा हो सकता है। अगर सर्वे के विवाद की बात करें तो योगी सरकार ने 31 अगस्त को यूपी के मदरसों का सर्वे करने का फैसला किया था। पता चला था कि यूपी में कुल 16,461 मदरसा हैं, लेकिन रजिस्टर्ड हैं सिर्फ 560। इसी वजह से सभी मदरसों के सर्वे का फैसला लिया गया। ये तर्क दिया गया कि इसके जरिए यह जानने का प्रयास रहेगा कि मदरसों में कितने छात्र हैं, कितने शिक्षक हैं और वहां कैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
मुस्लिम समाज को लगने लगता है कि ये उन्हें बर्बाद करने के लिए आई है- मदानी
कानपुर में तो इस प्रक्रिया को शुरू भी कर दिया गया है। वहां पर कुल 23 ऐसे मदरसे सामने आए हैं जो अनधिकृत बताए जा रहे हैं। इन दावों से जमीयत उलेमा-ए- हिंद ज्यादा संतुष्ट नहीं है। इस बारे में अरशद मदानी कहते हैं कि कुछ सांप्रदायिक ताकतों ने देश में नफरत फैलाने का काम किया है। इस पूरे मामले में सरकार की भूमिका ऐसी हो गई है कि जब भी योजना आती है मुस्लिम समाज को लगने लगता है कि ये उन्हें बर्बाद करने के लिए आई है।
मदरसे के सर्वे पर हम सहमत नहीं- मुस्लिम धर्मगुरु
वहीं मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जवाद ने कहा कि मदरसे के सर्वे पर हम सहमत नहीं हैं। एक पक्ष का सर्वे नहीं होना चाहिए। 70 फ़ीसदी वक्फ बोर्ड के कब्जे माफियाओं और सरकार के पास हैं। इंदिरा भवन पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है। 30 फ़ीसदी केवल जमीन वक्फ के पास है। सरकार नाजायज कब्जे छुड़वाए, तब तो ठीक है लेकिन सिर्फ मुसलमानों का सर्वे कराकर जमीन देख ले तब कोई फायदा नहीं है। वक्फ की जमीन को कोई जबरदस्ती खाली नहीं करवा पाएगा और अगर कोई रहना चाहता है तो वहां किराया लेने के बारे में सरकार को मालूम होगा।
मंदिरों का भी हो सर्वे- AIMIM नेता
सर्वे को लेकर AIMIM नेता असीम वकार ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने नया फरमान जारी किया है। वकार ने कहा कि पहले वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को तो आपने करप्शन के आरोप में जेल नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को जांच के नाम पर परेशान किया जा रहा है। कभी मदरसों की जांच तो कभी मुस्लिमों की जांच। ये एकतरफा कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि बड़ी धर्मशाला और मंदिरों के ट्रस्ट हैं, उनकी जांच भी होनी चाहिए। क्या इनके घोटाले आपकी नजर में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भले ही वक्फ बोर्ड का सर्वे करिए, लेकिन अपनी मंशा साफ कीजिए। सबका एक लाइन से सर्वे कराइए।

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