पीएम मोदी ने कहा- ‘भारत आपसी सहयोग और विश्वास का समर्थन करता है’

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पीएम मोदी ने कहा- ‘भारत आपसी सहयोग और विश्वास का समर्थन करता है’
उन्होंने कहा-‘SCO के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी SCO देशों में निवास करती है। भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है।’
पीएम मोदी ने समरकंद में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन में लिया हिस्साअपने संबोधन में एससीओ देशों के बीच आपसी सहयोग पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi ) ने SCO सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में एससीओ देशों के बीच आपसी सहयोग और अधिक बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा-‘SCO के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी SCO देशों में निवास करती है। भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है।’
पीएम मोदी ने समरकंद में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया
पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में आयोजित संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प के कारण भारत एवं चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद शी और मोदी पहली बार आमने-सामने आए। इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं।
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति ने गर्मजोशी से पीएम मोदी का स्वागत किया
शिखर सम्मेलन के दौरान विचार-विमर्श से पहले, इस ग्रुप के स्थायी सदस्य देशों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई। शिखर सम्मेलन के परिसर पर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। शिखर सम्मेलन के बाद मोदी के कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी करने का कार्यक्रम है। वह पुतिन, मिर्जियोयेव और रईसी से मुलाकात करेंगे।
पीएम मोदी ने समरकंद रवाना होने से पहले जारी किया था बयान
मोदी करीब 24 घंटे के दौरे पर बृहस्पतिवार की रात यहां पहुंचे थे। मोदी ने समरकंद रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर कहा, ‘मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और परस्पर लाभकारी सहयोग को और गहरा करने को लेकर उत्सुक हूं।’
जून 2001 में शंघाई में हुई थी शुरुआत
एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे। एससीओ सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। समरकंद शिखर सम्मेलन में ईरान को एससीओ के स्थायी सदस्य का दर्जा दिए जाने की संभावना है।

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