बाढ़ और महंगाई से घुटनों पर आया पाकिस्तान, भारत से फिर शुरू करना चाहता है व्यापार, वित्त मंत्री का बयान

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बाढ़ और महंगाई से घुटनों पर आया पाकिस्तान, भारत से फिर शुरू करना चाहता है व्यापार, वित्त मंत्री का बयान
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि हाल में आई बाढ़ से फसलों के नष्ट होने के चलते लोगों की सुविधा के लिए पाकिस्तान सरकार भारत से सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ आयात करने के बारे में विचार कर सकती है। आर्टिकल-370 निरस्त होने पर व्यापार संबंधों को खत्म किया था पाकिस्तानसरकार बदलने पर भारत के साथ व्यापार पर वाणिज्य मंत्रालय का था इनकारजून में विदेश मंत्री ने भारत के साथ व्यापार और संबंधों की वकालत की थी
विनाशकारी बाढ़ और महंगाई से जूझ रहा पाकिस्तान फिर से भारत के साथ व्यापार करना चाहता है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Miftah Ismail) ने सोमवार को यह बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि हाल में आई बाढ़ से फसलों के नष्ट होने के चलते लोगों की सुविधा के लिए पाकिस्तान सरकार भारत से सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ आयात करने के बारे में विचार कर सकती है। रेडिया पाकिस्तान के मुताबिक, इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मिफ्ता इस्माइल ने एक सवाल के जवाब में यह कहा है।
19 अगस्त 2019 को व्यापार संबंधों को खत्म किया था पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से 19 अगस्त 2019 को भारत के साथ अपने व्यापार संबंधों को पूरी तरह से खत्म कर दिया था। पाकिस्तान ने यह फैसला भारत के जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 निरस्त करने के फैसले की प्रतिक्रिया के रूप में लिया था।
भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने की वकालत
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान के पूर्व सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ भारत के साथ व्यापार के संबंध में कुछ प्रस्तावों पर काम कर रहे थे। वहीं, पाकिस्तान के पूर्व वाणिज्य सलाहकार रजाक दाऊद भी कई मौकों पर भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने के लिए वकालत कर चुके हैं।
वाघा बॉर्डर के जरिए सफेद चीनी, कपास आयात करने की इजाजत?
मार्च 2021 में पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने कहा था कि वह प्राइवेट सेक्टर को भारत से 0.5 मिलियन टन सफेद चीनी और कपास का आयात करने की इजाजत वाघा बॉर्डर के जरिए देगी। हालांकि, इस फैसले को कुछ ही दिनों में खारिज कर दिया गया था, क्योंकि पीएमएलएन (PMLN) और पीपीपी (PPP) ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी, जो कि फिलहाल पाकिस्तान में गठबंधन की सरकार में हैं।
सरकार में बदलाव के बाद अटलकों पर वाणिज्य मंत्रालय का रुख
वहीं, इस साल पाकिस्तान की सरकार में बदलाव होने पर मई में वाणिज्य मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच ढप पड़े द्विपक्षीय व्यापार को फिर से शुरू करने की संभावना से इनकार कर दिया था। दरअसल, सोशल मीडिया पर अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार, भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसे लेकर वाणिज्य मंत्रालय की ओर से यह प्रतिक्रिया आई थी। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया था, “भारत के साथ व्यापार पर पाकिस्तान की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।”भारत के साथ व्यापार और संबंधों पर विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी
हालांकि, जून में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अन्य देशों, खासकर भारत के साथ व्यापार और संबंधों के मामले की वकालत की थी। विदेश मंत्री ने भारत के साथ संबंधों पर अधिक जोर देते हुए कहा था कि यह आर्थिक कूटनीति की ओर बढ़ने और संबंधों पर ध्यान केंद्रित करने का समय है। विदेश कार्यालय ने बाद में बिलावल भुट्टो की टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि अपने पूर्वी पड़ोसी के प्रति पाकिस्तान की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इस पर ‘राष्ट्रीय सहमति’ थी।
पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ में मरने वालों की संख्या हुई 1061
गौरतलब है कि पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या सोमवार को 1,061 तक पहुंच गई। वहीं आर्थिक संकट से जूझ रही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार की अपील के बाद अंतरराष्ट्रीय सहायता पहुंचने लगी है। बाढ़ की विभीषिका का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि 3.3 करोड़ लोगों को यानी देश की कुल आबादी के करीब 7वें हिस्सा को विस्थापित होना पड़ा है। पाकिस्तानी जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने इसे ‘दशक का सबसे भयावह मॉनसून’ कहा। वहीं, वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा कि बाढ़ के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक का नुकसान हुआ है।

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