अमेरिका के राष्ट्रगान से है भारत का खास कनेक्शन? 200 साल पुराना है इतिहास
अमेरिका में कई सालों से लाखों भारतीय रह रहे हैं। ऐसे में हमारे कल्चर का आदान-प्रदान होता रहा है। इसी कल्चर से जुड़ी आपको एक कहानी बताने जा रहे हैं जो कि अमेरिका के सम्मान से जुड़ा है।युद्ध में अमेरिका ने हार मान लिया था3 मार्च 1931 को देश का राष्ट्रगान घोषित किया गया थादोनों देशो के बीच 1812 में भी युद्ध हुआ था
अमेरिका में कई सालों से लाखों भारतीय रह रहे हैं। ऐसे में हमारे कल्चर का आदान-प्रदान होता रहा है। इसी कल्चर से जुड़ी आपको एक कहानी बताने जा रहे हैं जो कि अमेरिका के सम्मान से जुड़ा है। हम आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रगान का मुंबई से एक खास रिश्ता है। आपको सूनकर थोड़ी हैरानी होगी लेकिन ये सच है। आज की मुंबई एक जमाने में बॉम्बे हुआ करती थी जिसका रिश्ता अमेरिका के राष्ट्रगान से है। इस राष्ट्रगान को लेकर इतिहासकार हमेंशा जिक्र किया करते हैं। कुछ साल पहले तक शायद बहुत से लोगों को यह भी नहीं पता था कि मुंबई के एक जहाज पर अमेरिका का राष्ट्रगान कैसे लिखा गया था तो चलिए आपको इसी बार में विस्तार में बताएंगे। ब्रिटिश आर्मी ने जलाया था व्हाइट हाउस
अमेरिका को सितंबर 1814 में जब आजादी मिली तो ब्रिटेन से युद्ध लड़ना पड़ा। दोनों देशो के बीच 1812 में भी युद्ध हुआ था। युद्ध ने कनाडा और अमेरिका के बीच नई सीमाएं बना दी गई। उस समय ब्रिटिश आर्मी शक्तिशाली थी। 24 अगस्त 1814 में वाशिंगटन में हंगामा किया और कैपिटल हिल, व्हाइट हाउस और वित्त मंत्रालय को जला दिया था। इसके बाद 11 से 13 सितंबर तक ब्रिटिश सेना यहां से बाल्टीमोर बंदरगाह की ओर बढ़ी। इस युद्ध से पहले एक स्थानीय मजिस्ट्रेट डॉक्टर विलियम बीन्स को कुछ लोगों के साथ कैद कर लिया गया था। लेकिन एक व्यक्ति जेल से फरार हो गया। ये डॉक्टर बीन्स थे जिन्हें ब्रिटिश कमांडर ने पकड़ लिया था। उनके दो दोस्तों, एक वकील, फ्रांसिस स्कॉट की और कर्नल जॉन स्टुअर्ट स्किनर ने उनकी रिहाई के लिए अंग्रेजों के सामने काफी बिनती की। कमांडर मान गया लेकिन उसने अपनी सेना के एक जहाज पर कुछ अमेरिकियों के साथ उन दोनों को बंदी बनाया रखा। इस जहाज का नाम एचएमएस मिंडेन रखा गया और युद्ध समाप्त होने तक उसे बंदी बनाकर रखा गया। कमांडर ने उन्हें बंदी बना लिया था ताकि कोई भी अमेरिकी सेना को ब्रिटिश सेना के बारे में सूचित न करे। उस समय भीषण युद्ध चल रहा था, उस दौरान अमेरिकियों ने हर दिन बमबारी देखी। ब्रिटिश आर्मी ने अमेरिकियों की हालत खराब कर दी थी एक समय ऐसा लगा कि अब अमेरिका आत्मसमर्पण कर सकता है।
कैसे लिखा गया अमेरिकी राष्ट्रगान?
दोनो देशों के बीच युद्ध निर्णायक मोड़ पर खड़ा हो गया था। उस युद्ध में अमेरिका ने हार मान लिया था। इसी खबर के बारे में जब पता चला तो उन्होंने उसी जहाज पर अपने देश के लिए कुछ शब्द लिखे। उन्होंने अमेरिका वापस आकर इस कविता को पूरा किया। वह भी छपा था लेकिन उस पर किसी का नाम नहीं था। यह कविता ‘द डिफेंस ऑफ फोर्ट एम’हेनरी’ शीर्षक से छपी थी। कविता 20 सितंबर, 1814 को प्रकाशित हुई और फिर अमेरिका का सबसे लोकप्रिय गीत बन गया। इसे आधिकारिक तौर पर 3 मार्च 1931 को देश का राष्ट्रगान घोषित किया गया था।
मुंबई कनेक्शन कैसे?
अब आप सोच रहे होंगे कि जब जहाज पर कविता लिखी गई तो मुंबई, जो उस समय बॉम्बे था तो ये कैसे बीच में आ गया। HMS Minden को मुंबई में वाडिया परिवार ने बनाया था। यह वही प्रसिद्ध पारसी परिवार था जिसके पास बॉम्बे हार्बर में डंकन डॉक था। आज यह डॉकयार्ड भारतीय नौसेना का सक्रिय डॉकयार्ड बन गया है। HMS Mynadon भारत से निर्मित और रॉयल नेवी में कमीशन किया गया पहला जहाज था। इस जहाज ने 1812 के युद्ध सहित दुनिया के इतिहास में बदलाव देखा है। जहाज को अंततः सेवा के लिए ‘बहुत पुराना’ बताते हुए हांगकांग के सीमेन अस्पताल में सेवानिवृत्त किया गया था। जहाज बर्बाद हो गया और कबाड़ में बदल गया। इसलिए यदि आप एक भारतीय हैं और यदि आप कभी भी राष्ट्रगान के साथ अमेरिकी ध्वज को लहराते हुए देखते हैं, तो बॉम्बे का संबंध याद रखना न भूलें, हमारा मतलब मुंबई से है।