तीन विधायकों की गिरफ्तारी के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस

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महाराष्ट्र की राह पर झारखंड? तीन विधायकों की गिरफ्तारी के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस, मंत्रिमंडल में होगा फेरबदल झारखंड के सियासी संकट के बीच जल्द कैबिनेट में फेरबदल की भी संभावना है। राज्य के प्रभारी के मुताबिक, सभी मंत्रियों के काम की समीक्षा हो रही है और मंत्रिमंडल में फेरबदल पर फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी।कैबिनेट में जल्द हो सकता है फेरबदलकांग्रेस कोटे का एक पद अभी भी खालीमंत्री बनने की रेस में हैं कई विधायक झारखंड में गरमाए सियासी संकट के बीच कांग्रेस जल्द अपने विधायकों की दिल्ली में बैठक बुलाएगी। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस 5 अगस्त के बाद कभी भी राज्य के तमाम विधायकों की बैठक दिल्ली में बुला सकती है। राज्य के सियासी संकट के बीच जल्द कैबिनेट में फेरबदल की भी संभावना है। राज्य के प्रभारी के मुताबिक, सभी मंत्रियों के काम की समीक्षा हो रही है और मंत्रिमंडल में फेरबदल पर फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी।
तीन विधायकों की पश्चिम बंगाल में हुई गिरफ्तारी
दरअसल, कांग्रेस राज्य में राष्ट्रपति चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग और तीन विधायकों की पश्चिम बंगाल में हुई गिरफ्तारी के बाद यह बात बखूबी समझ गई है कि पार्टी में नाराज विधायकों की बढ़ती संख्या राज्य में कभी भी पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन सकती है, इसलिए पार्टी डैमेज कंट्रोल मोड में है और माना जा रहा है कि जल्द राज्य में कैबिनेट में फेरबदल किया जा सकता है।
मंत्रिमंडल से कांग्रेस कोटे के दो मंत्री की हो सकती है छुट्टी
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल से कांग्रेस कोटे के दो मंत्री की छुट्टी हो सकती है। झारखंड की गठबंधन की सरकार में कांग्रेस कोटे से चार मंत्री हैं, जबकि कांग्रेस कोटे का एक पद अभी भी खाली है।आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख अभी मंत्री हैं।
इस बार ज्यादातर विधायक ऐसे हैं जो पहली बार चुनकर आए हैं। गौरतलब है कि पिछली बार हुए मंत्रिमंडल फेरबदल में पहली बार चुनकर आए किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया था। इस बार कई विधायक मंत्री बनने की रेस में हैं, जिसमें प्रदीप यादव, अनुप सिंह, पूर्णिमा सिंह, ममता देवी, दीपिका पांडे, अंबा प्रसाद मंत्री बनने की रेस में शामिल हैं।’फिलहाल जेएमएम-कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं’
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल झारखंड में जेएमएम (JMM)-कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है। दरअसल, कांग्रेस के नेता मानते हैं कि तीन विधायकों के पश्चिम बंगाल में हुई गिरफ्तारी के बाद अब अन्य विधायक इस तरह की किसी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। साथ ही विधायक अगर उनकी सदस्यता रद्द होती है, तो चुनाव के लिए भी तैयार नहीं हैं, क्योंकि ज्यादातर विधायक पिछले चुनाव में पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बने थे, ऐसे में सदस्यता रद्द होने पर ज्यादातर विधायक अपनी जीत के लिए आश्वस्त नहीं है।
क्रॉस वोटिंग करने वाले MLAs पर कार्रवाई कर सकती है कांग्रेस
राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर राज्य प्रभारी अविनाश पांडे का कहना है कि कांग्रेस अपने विधायकों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। कांग्रेस पार्टी क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है। सूत्रों की मानें तो क्रॉस वोटिंग के पीछे कई वजह थी, पहली द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं, वह पहली आदिवासी महिला थीं, जो राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं, ऐसे में कुछ विधायकों की मजबूरी उन्हें वोट देना हो सकती है, लेकिन बाकी विधायकों ने अगर बिना किसी ठोस वजह के क्रॉस वोटिंग की, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

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