दक्षिण अफ्रीका में जल्द दूर होगा बिजली संकट, राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने लिया ये फैसला
रामाफोसा ने जिन व्यापक योजनाओं की घोषणा की, उनमें एस्कॉम के बिजली स्टेशनों के मौजूदा बेड़े के प्रदर्शन में सुधार, नयी पीढ़ी की क्षमता की खरीद में तेजी, उत्पादन क्षमता में बड़े पैमाने पर निजी निवेश में वृद्धि शामिल हैं।
दक्षिण अफ्रीका में भारी बिजली संकटदेश की अर्थव्यवस्था को हुआ भारी नुकसानबिजली संकट दूर करने के लिए राष्ट्रपति ने लिए कई बड़े फैसले
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने देश में जारी बिजली संकट से निपटने के लिए मौजूदा कानून में बदलाव समेत बड़े पैमाने पर सुधारों की घोषणा की है। रामफोसा ने सोमवार शाम राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ‘पिछले तीन हफ्तों के दौरान, बिजली की सबसे ज्यादा कटौती ने हमारे जीवन को बाधित कर दिया है और हमारी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है। दैनिक बिजली कटौती हम अनुभव कर रहे हैं, जिससे लाखों घरों में असुविधा हुई है और भारी नुकसान हुआ है तथा व्यवसायों के लिए चुनौतियां पैदा हो गई हैं।” उन्होंने कहा, ”भरोसेमंद बिजली आपूर्ति न होने के कारण दक्षिण अफ्रीका के लोगों की निराशा और गुस्सा उचित है। वे तंग आ चुके हैं।’’
क्यों करनी पड़ रही बिजली कटौती?
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकारी स्वामित्व वाली बिजली कंपनी एस्कॉम को बिजली ग्रिड को ढहने से रोकने और हमें कभी भी पूरी तरह से बगैर बिजली के नहीं रहना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए बिजली कटौती करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘बिजली की कमी आर्थिक विकास और रोजगार के लिए एक बड़ी बाधा है। यह निवेश को रोकती है और हमारी अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धा को कम करती है।’ रामाफोसा ने कहा कि वह जिन फैसलों की घोषणा कर रहे हैं, उन तक पहुंचने के लिए उन्होंने पिछले 10 दिनों में व्यापक विचार-विमर्श किया है। उन्होंने कहा, ‘हम जिस संकट का सामना कर रहे हैं, उसके लिए हमें बिजली की कमी को दूर करने के लिए साहसिक और निर्णायक कार्रवाई करनी होगी।’
छह प्रदर्शनकारियों की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध
वहीं, एक अन्य खबर में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कुछ महीनों से सरकार विरोधी प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे छह प्रदर्शनकारियों के विदेश यात्रा करने पर सोमवार को प्रतिबंध लगा दिया। श्रीलंका के गंभीर आर्थिक संकट से निपटने के सरकार के तौर तरीकों को लेकर देश में भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। मजदूर संघ के एक नेता सहित छह सक्रियतावादियों पर मध्य जून में गैर-कानूनी तरीके से एकत्र हुई एक भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है और गिरफ्तारी के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।
प्रदर्शनकारी 9 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे
देश में अप्रैल की शुरुआत से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में ये छह लोग शामिल रहे हैं। इन प्रदर्शनों ने राजपक्षे परिवार को श्रीलंका की सत्ता से बाहर कर दिया। इस बीच, पुलिस ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन से वस्तुएं चुराने को लेकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रदर्शनकारी 9 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे। इसके बाद, तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
2.2 करोड़ लोगों का देश श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिससे लाखों लोग भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजें खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब अमेरिकी डॉलर है।